अयोध्या। भारत रत्न व सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए देश में लगातार हवन-पूजन, यज्ञ, अनुष्ठान आदि का सिलसिला जारी है।
इसी कड़ी में विगत 40 दिनाें से अयाेध्या में चल रहे राजसूय महायज्ञ की शनिवार काे पूर्णाहुति हुई।
यह धार्मिक अनुष्ठान तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी परमहंस आचार्य के कुशल संयाेजन में सम्पन्न हुआ, जिसमें संत-धर्माचार्यों, साध्वियों और वैदिक आचार्याें ने भी हिस्सा लिया।
राजसूय महायज्ञ में महामृत्युंजय एवं संकटमाेचन हनुमान जी के मंत्राें काे जपकर आहुतियां डाली गईं, जिससे लता मंगेशकर के स्वास्थ्य में जल्द से जल्द सुधार हाे सके।
लता मंगेशकर की चर्चा करते हुए जगद्गुरु परमहंसाचार्य बहुत ही भावुक हाे गए।
उन्होंने कहा कि भारत रत्न लता मंगेशकर ने राष्ट्र के गाैरव काे बढ़ाया है। वह सुर साम्राज्ञी हैं, जिन्हें भारत काेकिला भी कहा जाता है। संगीत की दुनिया में वह सर्वाेपरि हैं। पूरे विश्व में उनके जैसी आवाज किसी की नहीं है। जब मुझे पता चला कि वह बहुत बीमार हैं और वेंटिलेटर पर उनका इलाज चल रहा है।
उनके स्वास्थ्य में काेई सुधार नहीं था। यहां तक कि डॉक्टरों ने भी कह दिया था कि इन्हें दवा के साथ-साथ दुआ की भी जरूरत है। तब मैंने उनके स्वास्थ्य में जल्द से जल्द सुधार हाेने के लिए तपस्वी छावनी आश्रम पर राजसूय महायज्ञ का शुभारंभ करवाया था।
यह यज्ञ लगातार 40 दिनाें तक चला, जिसमें महामृत्युंजय और संकटमाेचन हनुमान जी के मंत्राें का जाप कर आहुतियां डाली गईं। शनिवार काे राजसूय महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई।
अब लता मंगेशकर के स्वास्थ्य में पहले से ज्यादा सुधार है। जाे हम लाेगाें के लिए अच्छी खबर है। उन्हें वेटिंलेटर से हटा दिया गया है। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं।
लेकिन जब तक वह पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हाे जायेंगी। तब तक पूजन-अर्चन, यज्ञ, अनुष्ठान का सिलसिला लगातार चलता रहेगा।
जगद्गुरु ने कहा कि सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर काे प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी बहुत मानते हैं और लता प्रधानमंत्री काे अपना भाई मानती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री काे सब काम छाेड़कर लता मंगेशकर से मिलने जाना चाहिए।