प्रयागराज । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक राजेन्द्र सिंह ‘रज्जू भैया’ के व्यक्तित्व व कृत्तित्व पर शनिवार को गोष्ठी आयोजित की गई।
इसे संबोधित करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद ने कहा की रज्जू भैया विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे।
उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की नीति पर विचार करने का समय आ गया है। धर्म प्राण देश को धर्मनिरपेक्षता का अजगर डसने की तैयारी कर रहा है, इसलिए इससे पीछा छुड़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जातिवाद को तिलांजलि देकर धर्म और सनातन संस्कृति के आधार पर पूरे समाज को जोड़ने की आवश्यकता है ।उन्होंने जाति तोड़ो देश जोड़ों का भी नारा दिया।
वह उक्त बातें ज्वाला देवी इण्टर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधित करते हुए कही।
इस अवसर पर प्रांत प्रचारक रमेश जी ने रज्जू भैया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि रज्जू भैया ने जीवन के अंतिम क्षण तक संघ की पद्धति का पालन किया।
सरसंघचालक बनने के बाद पहली बार जब वे प्रयाग आए तो पद की गरिमा को कार्यकर्ताओं की आत्मीयता के बीच में नहीं आने दिया।
सबसे समरस भाव से आत्मीयता से मिले। वह सादगी की प्रतिमूर्ति थे। मितव्ययी थे। बड़े पिता के पुत्र होते हुए भी सामान्य लोगों जैसा जीवन जिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता ने भी राजू भैया के जीवन के विभिन्न प्रसंगों की विस्तार से चर्चा की। मंच पर काशी प्रांत के संघचालक डॉ विश्वनाथ लाल निगम सह प्रांत कार्यवाह डॉक्टर राज बिहारी श्रीवास्तव एवं सह भाग संघचालक शिव कुमार पाल उपस्थित थे।
गोष्टी में अतिथियों का परिचय डॉ.प्रमोद कुमार पांडे तथा संचालन डॉक्टर विनम्र सेन ने कराया। गोष्ठी में प्रांत बौद्धिक प्रमुख डॉ सत्यपाल जी आलोक मालवीय मुरारजी त्रिपाठी सीएबी के प्रधानाचार्य त्रिभुवन प्रसाद पाठक नागेंद्र जी राजेंद्र प्रसाद शुक्ला आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।