हांग्जो [चीन], 26 सितंबर ( खबर सत्ता ): अनुष अग्रवाल (Anush Agarwal) , हृदय विपुल (Hriday Vipul) , दिव्यकृति (Divyakriti) और सुदीप्ति हजेला (Sudipti Hajela) की भारतीय टीम ने मंगलवार को चल रहे 19वें टीम ड्रेसेज में 209.205 का विशाल स्कोर दर्ज कर एशियाई खेल में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
यह एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में भारत का पहला स्वर्ण पदक है और 41 वर्षों के बाद घुड़सवारी में उनका पहला स्वर्ण पदक है।
लगभग 10 घंटे तक चली प्रतियोगिता के बाद, जिसमें पूरे एशिया से कई एथलीटों ने भाग लिया, यह अग्रवाल, छेदा, दिव्यकृति, और हजेला की भारतीय चौकड़ी है जो उस समय प्रदर्शन करती है जब यह सबसे ज्यादा मायने रखता है।
शानदार उपासना और बहुत ही अच्छे स्कोर
अनुष अग्रवाल और उनके घोड़े ईटीआरओ ने अधिकतम स्कोर 71.088 हासिल किया, जबकि हृदय छेदा-एमराल्ड ने 69.941 स्कोर किया। दिव्याकृति सिंह-एड्रेनालिन फिरदोद ने 68.176 स्कोर किया। सुदीप्ति हजेला-चिंस्की ने 66.706 अंक हासिल किए। भारत 209.205 के स्कोर के साथ समाप्त हुआ जो दूसरे स्थान पर मौजूद चीन के 204.882 से काफी अधिक था।
भारत का गर्व
अनुष अग्रवाल ने 71.088 के स्कोर के साथ शो को अपने नाम किया, जबकि हृदय ने 69.941 और दिव्याकृति ने 68.176 का स्कोर किया। दोनों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी टीम उनके संयुक्त स्कोर के करीब भी न पहुंचे। उन्होंने चीन और जापान को हराया, जो इसे जीतने के प्रबल दावेदार थे।
नेतृत्व और साझेदारी का महत्व
यह स्वर्ण पदक न केवल एक शानदार उपासना का परिणाम है, बल्कि इसमें नेतृत्व और साझेदारी का महत्व भी है। टीम भारत ने एक साथ काम किया और अपने सपनों को हासिल किया।
भारतीय चौकड़ी का भविष्य
इस स्वर्ण पदक के साथ, भारतीय चौकड़ी का भविष्य और भी उज्जवल हो गया है। यह प्रेरणा देने वाली कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष के बावजूद संगठित और मेहनती टीम कभी भी महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती है।