सिवनी। सिवनी-बालाघाट रोड एक बार फिर दर्दनाक हादसे का गवाह बना है। आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाएँ अब लोगों की जान पर भारी पड़ रही हैं। ताज़ा घटना बरघाट थाना अंतर्गत धारनाकला और पौनारकला के बीच की है, जहाँ एक भीषण सड़क हादसे में पति-पत्नी की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, लालपुर निवासी साजिद बेग और उनकी पत्नी अपने बेटे के साथ जा रहे थे। तभी तेज़ रफ़्तार एमपीआरडीसी के बोलेरो वाहन (क्रमांक MP 28 ZC 2221) ने रोड में बने गड्ढ़े से बचने के चक्कर में उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयंकर थी कि साजिद बेग की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मौत का अड्डा बन चुका है सिवनी-बालाघाट रोड
यह पहली घटना नहीं है। बीते दो वर्षों में इस सड़क पर सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। किसी माँ की गोद उजड़ गई तो किसी परिवार का सहारा छिन गया। सवाल यह है कि आखिर कब तक यह मौतों का सिलसिला जारी रहेगा और कब तक प्रशासन और नेताओं की नींद खुलेगी?
अधूरी घोषणाएँ और टूटी उम्मीदें
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछले साल रक्षाबंधन पर सिवनी-बालाघाट रोड को फोरलेन बनाने की घोषणा की थी। लेकिन एक साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है। गहरे गड्ढे, टूटी साइड सोल्डर और अव्यवस्थित निर्माण कार्य रोज़ाना हादसों को न्यौता दे रहे हैं। हालात यह हैं कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले सड़क पर मुरम डालकर औपचारिक मरम्मत जरूर कर दी जाती है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद हालात फिर वैसे ही हो जाते हैं।
सत्याग्रह से लेकर चक्काजाम तक, लेकिन हल नहीं
स्थानीय लोगों ने लगातार सड़क निर्माण की मांग को लेकर सत्याग्रह और आंदोलन भी किया। लोगों ने सड़क जाम कर विरोध दर्ज कराया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा। टोल टैक्स वसूली जारी है, लेकिन सड़क सुधार के नाम पर कुछ नहीं हो रहा।
प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल
सड़क किनारे अतिक्रमण, अवैध कब्ज़े और जगह-जगह बने गड्ढे दुर्घटनाओं को और भी भयावह बना रहे हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसी बड़े नेता या अधिकारी के परिवार के साथ हादसा होने का इंतजार कर रहा है?
सिवनी-बालाघाट रोड अब मौत का जाल बन चुका है। सरकार और प्रशासन की लापरवाही ने लोगों की जान पर संकट खड़ा कर दिया है। जरूरत है कि इस गंभीर समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाए, वरना मौत का यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।

