सिवनी-इंसान के दुख,दर्द को तो दूसरा इंसान समझ सकता है लेकिन पशुओं के दर्द को कौन समझेगा ऐसा ही कुछ वाक्या गत दिवस दलसागर के सामने स्थित अंबेडकर भवन के बाजू में खाद्य विभाग के गोदाम में देखने को मिला यहां पर लगभग 20 गधे एवं 25 कुत्तों को एक कमरे में लगभग 3 दिनों तक बंद करके रखा गया था इस घटना की सूचना किसी व्यक्ति ने समाजसेवी रघुराज सिंह चौहान को दी। पशु प्रेमी श्री चौहान ने अपने मित्र आरके सेंगर को इस घटना के संबंध में अवगत कराया।
गौरतलब है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए श्री सेंगर में नगरपालिका अध्यक्ष आरती शुक्ला को घटना के संबंध में अवगत कराया तो उन्होंने समस्या निराकरण के स्थान पर नगरपालिका सीएमओ नवनीत पांडे से बातचीत करने को कहा लेकिन वहां भी उन्हें संतोषजनक उत्तर नही मिला नगरपालिका ने यह कहकर टाल दिया कि गल्ला गोदाम हमारे अंतर्गत नही है इस संबंध में खाद्य विभाग को सूचित किया जाये।
जब मामले को लेकर नगर कोतवाली को सूचित किया गया तो वह भी मौके पर नही पहुंची लेकिन श्री सेंगर ने 100 नम्बर डायल कर इसकी सूचना दी 1 अगस्त को शाम 7 बजे 100 नम्बर डायल के पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंचे और गल्ला गोदाम का दरवाजा खोला तो 25 कुत्ते और 20 गधे एक कमरे में बंद थे प्रश्र इस बात का है कि आखिर इन जानवरों को इतनी प्रताडऩा किस उद्देश्य से दी जा रही थी क्या हमारे अंदर की मानवता समाप्त हो गई है इस मामले पर चिंतन की