खबर सत्ता । आचार संहिता के दौरान भिंड के कलेक्टर बनाए गए श्री एस धन राजू 2009 बैच के आईएएस अधिकारी है। चुनाव के दौरान उनकी कार्यशैली को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा या रही एक सख्त और ईमानदार अधिकारी के रूप में पहचान बनी। आपकी 7 वर्षीय बेटी की तबीयत खराब हो गई तो कलेक्टर साहब आम आदमी की तरह जिला चिकित्सालय पहुंच गए। ओपीडी से पर्ची कटाने कतार में खड़े हो गए।
इस दौरान काफी देर तक किसी ने भी साहब को पहचाना है कि नहीं कि उनके जिले के कलेक्टर है । साहब खड़े रहे पर्ची कटाई और इलाज के लिए चल दिए। उसके बाद किसी कर्मचारी ने बताया कि आप जिला कलेक्टर है।
निश्चित ही पूरे अस्पताल में हड़कंप का माहौल बन गया। साहब आम आदमी की तरह जिला अस्पताल में इलाज करवाने आए लंबी कतार में खड़े रहकर परछाई नाच कर आए और चले गए मगर उसके बाद शुरू हुआ चर्चाओं का दौर कि साहब किसी ने कैसे नहीं पहचाना कहीं किसी कर्मचारी से कोई गलती तो नहीं लेकिन साहब तो बड़े सामान्य तौर पर आए थे आम आदमी की तरह खड़े रहे इलाज करें और चले गए गौरतलब है कि कलेक्टर साहब 1 महीने पहले ही भिंड की कमान संभाली है और इस कारण चुनाव में बहुत अधिक व्यस्त है इसलिए सहित बहुत कम ही लोगों ने उन्हें इस कारण उन्हें पहचान नहीं पाए।