सिवनी। शारदेय नवरात्रि जैसे-जैसे करीब आ रही है, जिले भर में मां दुर्गा की भव्य तैयारियाँ तेज हो गई हैं। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सिवनी ने मूर्तिकारों और दुर्गा पंडाल समितियों से एक खास अपील की है। संगठन ने कहा है कि इस वर्ष सभी पंडालों में मां दुर्गा को पौराणिक स्वरूप सिंहवाहिनी महिषासुर मर्दिनी के रूप में ही स्थापित किया जाए।
पौराणिक स्वरूप में ही करें स्थापना
जिला अध्यक्ष अखिलेश सिंह चौहान और जिला संयोजक माधव दुबे ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा—
“मां दुर्गा शक्ति की प्रतीक हैं और उनका असली स्वरूप सिंह पर सवार होकर महिषासुर का वध करने वाला है। इसलिए हम सभी पंडाल आयोजकों और मूर्तिकार बंधुओं से निवेदन करते हैं कि देवी की प्रतिमा उसी पौराणिक स्वरूप में स्थापित करें। किसी भी तरह के काल्पनिक या आधुनिक रूप से बचें, क्योंकि यह परंपरा और आस्था दोनों के खिलाफ है।”
खर्च से ज्यादा आस्था है ज़रूरी
विहिप और बजरंग दल नेताओं ने कहा कि कई समितियां खर्च बचाने के लिए देवी की प्रतिमा के स्वरूप में बदलाव कर देती हैं। इस पर उन्होंने सख्त आपत्ति जताते हुए कहा—
“यदि किसी समिति के पास सिंह और महिषासुर की मूर्ति बनवाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, तो वे सजावट और अन्य डेकोरेशन में कटौती करें। लेकिन माता की प्रतिमा को केवल पौराणिक स्वरूप में ही स्थापित करें। आस्था से बड़ा कोई खर्चा नहीं होता।”
जिम्मेदारी आयोजकों की होगी
संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी पंडाल में माता के स्वरूप से छेड़छाड़ की गई या अभद्रता दिखाई गई, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित समिति की होगी।
मूर्तिकारों और समितियों से अपील
विहिप और बजरंग दल ने जिले के सभी मूर्तिकारों और दुर्गा पंडाल समितियों से आह्वान किया है कि वे शारदेय नवरात्रि में परंपरा, संस्कृति और आस्था का सम्मान करते हुए माता दुर्गा के वास्तविक स्वरूप में ही प्रतिमाएं स्थापित करें।