सिवनी । बच्चों को सर्वांगीण विकास के समस्त अवसर प्राप्त हो और कोई भी व्यक्ति मासूम बच्चों के जीवन से खिलवाड़ न कर सके इसके लिए पॉक्सो एक्ट के संबंध में समाज में जागरूकता की आवश्यकता बहुत जरूरी है।
18 साल से कम आयु के सभी बच्चों को सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी का ज्ञान होना आवश्यक है।
आपको बता दें कि पॉक्सो कानून बच्चों की सुरक्षा में मदद करता है। अपराध होने के बाद सज़ा तो दिलाई जा सकती है, लेकिन अपराध ही न हो इसका प्रयास करना चाहिए।
यह बात बुधवार को जिले के नगरीय क्षेत्र स्थित अरूणांचल पब्लिक स्कूल, सिवनी में बुधवार को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) पर शिक्षकों एवं छात्र/छात्रों के लिए विद्यालय स्तरीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की प्राचार्या डॉ. भुवनेश्वरी ठाकरे ने कही है।
उन्होनें कार्यशाला में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए कहा कि यौन शोषण व बच्चों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा ठोस कदम उठाये जा रहे हैं।
परिवारजनों को भी अपनो बच्चों को जागरूक बनाने में मदद करनी चाहिए। इस दौरान स्कूली बच्चों को लघु फिल्म ”कोमल” के माध्यम से पॉक्सो एक्ट की जानकारी भी दी गई।
कक्षा पहली से बारहवी तक के सभी विद्यार्थियों को चाइल्ड हेल्प लाइन नं. (1098) के बारे में अवगत कराया गया।
इस अवसर पर श्रीमति शबाना खान, प्रीति तिवारी, जी.पी. श्रीवास्तव एवं जे.पी. मालवीय ने भी अपने सारगार्भित उद्गार प्रकट किये।