सिवनी। पेंच राष्ट्रीय उद्यान की विश्व विख्यात सुपर माम कालर वाली बाघिन की मौत आंतो में बाल के गोले फंसने के कारण हुई हैं। इसकी पुष्टि पेंच राष्ट्रीय उद्यान के डारेक्टर अशोक कुमार मिश्रा ने की है। काफी दिनों से आंत में बाल के गोले फंसने के कारण कालर वाली बाघिन बीमार चल रही थी जिसकी शनिवार 16 जनवरी को मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक सुपर माम कालर वाली बाघिन अपनी जीभ से चाटकर शरीर को साफ करती थी। इसी दौरान उसी के शरीर के बाल जीभ के जरिए आंत में जा रहे थे। लंबे समय से बाल थोड़ी-थोड़ी मात्रा में आंतो में समा रहे थे।
यही बाल गोले के रूप में बाघिन के आंत में फंस गए थे। उल्टी के जरिए भी कालर वाली बाघिन आंत में फंसे बाल के गोले को नही निकाल पा रही थी। उम्र दराज होने के कारण भी कालर वाली बाघिन आंत में फंसे बालो को बाहर नही निकाल पा रही थी।इसके कारण आंत में संक्रमण फैलने से वह काफी कमजोर व बीमार हो गई थी।
जीभ से करते सफाई –
बाघों समेत अन्य वन्यप्राणी अपने शरीर को जीभ से चाटकर साफ करते है।कालर वाली बाघिन भी इसी तरह अपने शरीर की सफाई कर रही थी। साढे सोलह साल की कालर वाली बाघिन की मौत के एक सप्ताह पहले से पार्क प्रबंधन बाघिन पर कड़ी नजर रख रहा था।शनिवार की शाम जब बाघिन ने कोई हलचल नही की तो पार्क का अमला बाघिन के करीब पहुंचा तब पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है।
फील्ड डारेक्टर पेंच अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि जीभ से शरीर साफ करने के चलते कालर वाली बाघिन के आंत में बाल जमा हो रहे थे। यही बाल गोले के रूप में आंतो में फंस गए थे। इससे हुए संक्रमण के कारण कालर वाली बाघिन की मौत हुई।