सिवनी: धारनाकला (एस. शुक्ला) : समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी की रफ्तार तो तेजी से हो रही है किन्तु खरीदी केन्द्र मे रखी हजारो क्विंटल धान के समय पर परिवहन न होने से किसानो को परेशानीयो का सामना करना पड रहा है चूंकि खरीदी केन्द्र मै रखी हजारो क्विंटल धान के कारण किसानो को खरीदी केन्द्र मे धान डालने के लिये इन्तजार करना पड रहा है.
चूकि पूरे खरीदी प्रांगण मे धान के ढेर के साथ साथ धान से भरी बोरिया पडी हुई है जिससे किसानो को खरीदी प्रांगण मे अपनी धान सुरक्षित रखने के लिये भी स्थान की कमी पड रही है जबकि धान कै परिवहन व्यवस्था मे सुधार के लिये अनेको बार मांग करने के बाद भी सम्बंधितो कै कानो मे जू तक नही रेग रही है.
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी: खरीदी केन्द्रो मे नही लगे स्टेग
यहा यह भी उल्लेखनीय है की धान खरीदी केन्द्रो मे किसान से खरीदी गई धान खरीदी प्रांगण मै तो असुरक्षित पडी है किन्तु शासन कै दिशा निर्देश के तहत धान को सुरक्षित रखने के धान की आवक बढने के बाद भी धान के स्टेग नही लगाये जा रहे है और धान खरीदी प्रभारी शासन के दिशा निर्देश को भी ठेगा दिखाने से बाज नही आ रहे है
जबकि मौसम विभाग की सूचना के बाद भी बहुत हद तक बारिश मे धान गीली हो चुकी थी किन्तु व्यवस्था मे सुधार के प्रयास खरीदी प्रभारीयो के द्वारा नही किये गये और वर्तमान भी धान की बोरिया खुले प्रांगण मे देखी जा सकती है
कुछ धान खरीदी केन्द्र मे जरूर दिखावे के लिये धान के स्टेग नाम मात्र के लिये लगाकर रखे गये है किन्तु व्यवस्था के नाम जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी: कुचिया व्यापारीयो पर मेहरबानी क्यों?
यहा यह भी उल्लेखनीय है की प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान उपार्जन केन्द्रो मे कुचिया व्यापारीयो पर धान खरीदी प्रभारी अपनी मेहरबानी बनाये हुऐ है यहा तक सुनने व देखने मे आया है की इस सत्र की धान खरीदी मे कुचिया व्यपारियो सै बीस रूपये क्विंटल की दर से धान खरीदी का कमीशन भी फिक्स है यह बात भी तब सामने आई जब एक कुचिया व्यापारी के द्वारा समीपी धान खरीदी केन्द्र मे कमीशन देने के बाद भी जब समय पर उसकी धान काटा नही हो रही थी तो उसके द्वारा हल्ला करने की घटना भी सामने आई थी.
वैसे तो शासन कै नियमानुसार खरीदी केन्द्र मे शनिवार रविवार के दिन धान की तुलाई प्रतिबन्धित है किन्तु सप्ताह के इन दिनो मे भी किसानो की धान तो नही परन्तु कुचिया व्यापारी की धान की तुलाई जरूर होती है.
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी: महिलाओं की नही दिखी उपस्थिति
वैसे तो शासन कै दिशा निर्देश के तहत इस सत्र मे भी महिला स्व सहायता समूहो को धान खरीदी का दायित्व मिला है किन्तु किसी भी धान उपार्जन केन्द्र मे महिलाओ की उपस्थिति नही देखी गई राजनीतिक पकड के आधार पर महिला स्व सहायता समूह को धान खरीदी का दायित्व तो मिला है किन्तु महिलाओ कै समूह मे किसी भी केन्द्र मे महिला की उपस्थिति नही देखी गई इससे यह अन्दाजा भी लगाया जा सकता है सरकार का महिलाओ को आत्म निर्भर बनाने का संकल्प कितना हकीकत मे साकार हो रहा है.
यहा यह बताना भी लाजिमी होगा की इस सत्र जिन महिला समूह को धान खरीदी की जिम्मेदारी सौपी गई उन्हे एक नही अपितु दो दो धान खरीदी की जिम्मेदारी सौंपी गई है इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है की खरीदी केन्द्र मै महिलाओ के पीछे कौन अपनी रोटी सेक रहा है.
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में परिवहन न होने से भुगतान मे होगी देरी
यहा यह भी उल्लेखनीय है समय पर धान का परिवहन न होने से किसानो के भुगतान मे भी देरी से इन्कार नही किया जा सकता चूकि जब तक धान का परिवहन नही होगा तब किसानो को धान का भुगतान भी नही होगा.
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी: ज्यादा तौली जा रही धान
यहा यह भी उल्लेखनीय है नमी और शोक की आड मे किसानो से खरीदी केन्द्रो मे ज्यादा धान तौली जा रही है जबकि इस सम्बन्ध मे शुरूआत मे ही जनपद सदस्य एव सहकारी सभापति गजानंद हरिनखेडे तथा राहुल उइके जनपद सदस्य के द्वारा विरोध किया जा चुका है किन्तु इस ओर अब तक कोई भी ध्यान नही दिया गया