सिवनी: रेलवे स्टेशन में मुरम में लगा दी घास तो रेल की दो पटरियों के बीच खड़ा किया बिजली का पोल, सबका चकराया माथा

SHUBHAM SHARMA
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Seoni News: रेलवे स्टेशन में मुरम में लगा दी घास तो रेल की दो पटरियों के बीच खड़ा किया बिजली का पोल, सबका चकराया माथा

सिवनी। कहते हैं रेलवे का काम अत्यधिक इमानदारी से मजबूती से वह पूरी तरह से बेहतरीन इंजीनियरिंग वर्क के हिसाब से किया जाता है। जब रेल पथ के बीचो-बीच कोई बिजली का खंभा लगा दे, जहां से रेल का जाना आना ना हो सके। तब इस कार्य को क्या कहा जाए।

इसी प्रकार सिवनी रेलवे स्टेशन में रेलवे इम्बेकमेन्ट में हेवी रेन के कारण बहुत से रेन कट्स हुए हैं जिसमें मिट्टी फिलिंग का कार्य किया गया। साथ ही यहां बिना मिट्टी फैलाए सीधे घास लगा दी गई। इसके पहले मिट्टी बिठाकर दूबा लगाना था।

लेकिन यहां लाल मुरम के ऊपर मिट्टी नहीं बिछाकर सीधे समीप की जमीन में लगी घास को खोदकर मुरम वाले स्थान पर चस्पा कर दिया गया। जब कि भविष्य में ठेकेदार द्वारा दूर से मिट्टी लाने व परिवहन खर्च का बिल लगाने के साथ ही दूर से घास लगाने का बिल लगाए जाने का आरोप नागरिकों द्वारा अभी से लगाए जा रहे हैं।

इसी प्रकार इन दिनों मध्य प्रदेश के सागर में बीना-सागर-कटनी थर्ड लाइन का काम चल रहा है। इसमें रेलवे के अधिकारियों की नाक के नीचे नरयावली से ईसरवारा रेलवे स्टेशन के बीच में पटरियों के बीच हास्यास्पद और अजूबा बना दिया है।

यहां दो पटरियों के बीच बिजली का भारी-भरकम पोल खड़ा कर दिया गया है। यह रेलवे की ओएचई लाइन का हैवी पोल है, जिससे ट्रेन के इंजन को बिजली सप्लाई मिलती है। अब रेलवे ठेकेदार से लेकर अधिकारी तक एक-दूसरे पर गलती थोप रहे हैं।

स्मार्ट इंजीनियरिंग का दावा करने वाली रेलवे ने नरयावली से ईसरवारा के बीच 7.5 किलोमीटर की रेल लाइन में ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि काबलियत पर सवाल उठने लगे हैं। निर्माण विभाग ने यहां ट्रेन का ट्रैक बिछाया और इलेक्ट्रिक विभाग ने बीच ट्रैक पर ही बिजली का खंभा लगा दिया।

इलेक्ट्रिक विभाग ने यह खामी दूर कराने की बजाय पटरी पर ही पोल लगा दिया। इस तरह की गड़बड़ी ईसरवारा स्टेशन की बिल्डिंग के पास भी की गई है. यहां भी पोल पटरी के अंदर की ओर लगा दिए गए जबकि ओएचई लाइन भी बिछा दी गई है। यह लाइन रेलवे ट्रैक के बजाय स्टेशन बिल्डिंग के ऊपर से निकल रही है।

रेलवे विभाग के नियमानुसार अर्थवर्क के दौरान ही सेंटर ट्रैक के हिसाब से काम शुरू होता है. इसके बाद स्लीपर, गिट्टी और ट्रैक बिछाया जाता है।

सेंटर ट्रैक से 3.10 मीटर की दूरी पर फाउंडेशन तैयार कर खंभे लगाए जाते हैं। अब ट्रैक का अलाइनमेंट मिलने के लिए 1 किलोमीटर की लाइन को इलेक्ट्रिक लाइन के हिसाब से शिफ्ट करना होगा। इस काम में लाखों रुपए का खर्च आएगा और तीन से चार हफ्तों का अतिरिक्त समय भी लगेगा।

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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