सिवनी रेलवे समाचार: सिवनी में आगामी 24 अप्रैल को ट्रेन को हरी झंडी मिलने वाली है. यानी 8 वर्षों के इतंजार के बाद सिवनी की जनता को रेल सुविधा नसीब होगी. 24 अप्रैल को हरी झंडी मिलने से पहले आज 22 अप्रैल तक सिवनी रेलवे स्टेशन में ना तो समय सारणी चस्पा है और ना ही ट्रेनों की डिटेल्स.
सिवनी रेल विकास समिति के संयोजक गोविन्द सिंह बघेल द्वारा एक पोस्ट फेसबुक में डाली गयी जिसमे छिंदवाडा से गोंदिया तक रेलवे स्टेशन के नाम, स्टेशन की दूरी और किराया की जानकारी उपलब्ध है. उक्त पोस्ट के सत्यापन के लिए जब रेल विकास समिति के संयोजक गोविन्द सिंह बघेल को मेसेज किया गया तो उनकी तरफ से जवाब दिया गया कि, नहीं यह किराया सूची घर पर तैयार की गयी है.
रेल विकास समिति शुरू से ही सिवनी में रेल सुविधा शुरू कराने में अपना बड़ा योगदान बताती है, हालाँकि जिले की जनता अत्यधिक समझदार है कोई कितना भी श्रेय लेने की कोशिश करे ये जनता है सब जानती है. सिवनी रेल विकास समिति के संयोजक द्वारा दिया गया जवाब समिति के मंसूबे को सामने ला गया.
रेल कर्मचारियों को नहीं जानकारी, रेल विकास समिति के घर से किराया सूची जारी
अब ज्यादा समय नहीं है जब सिवनी से बड़ी रेल लगातार ही गुजरती रहेगी, आगामी 24 को हरी झंडी दिखाने के लिए दो दिन पहले से तैयारियां अत्यधिक तेज हो चुकी है. लेकिन अभी तक सिवनी रेलवे स्टेशन में कौन सी ट्रेन किस नंबर की ट्रेन कहां से कहां जाएगी. कहां रुकेगी, इसकी समय सारणी स्टेशन पर चस्पा नहीं है. ना ही किसी प्रकार की कोई रेल किराया सूची.
सिवनी रेलवे स्टेशन पर कार्यरत रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि हमें इस विषय में कुछ भी पता नहीं है. ट्रेन किस तारीख को आएगी और कौन सी ट्रेन आएगी, कहां से कहां जाएगी. रेल यात्रियों के लिए किराए की सूची समय सारणी आदि हमें अप्राप्त है।
नेताओं के लिए शेड हो रहा तैयार
छिन्दवाडा-नैनपुर ट्रेन का शुभारम्भ डा एल मुरूगन सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा छिंदवाड़ा से हरी झंडी दिखाकर 24अप्रेल को करेंगे. सिवनी रेलवे स्टेशन पर भी नेताओं के लिए स्टेज तैयार हो गया है. हालाँकि अभी तक यह जानकारी नहीं है कि सिवनी रेलवे स्टेशन पर कौन से नेता जि हरी झंडी लेकर खड़े होंगे.
सिवनी रेलवे स्टेशन में अव्यवस्था का आलम
24 अप्रैल से बड़ी रेल लाइन सिवनी रेलवे स्टेशन से होकर गुजरेगी इसके लिए सिवनी रेलवे स्टेशन में जनप्रतिनिधि नेताओं के लिए मंच तैयार हो गया है। साथ ही प्लेटफार्म नंबर एक के सेट के नीचे सफेद कपड़ा लगाकर स्टेज सजा दिया गया है। लेकिन आलम यह है कि ट्रेन चलने के 2 दिन पहले भी मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 पर अभी भी युद्ध स्तर पर टाइल्स लगाने का काम चल रहा है।
इस कार्य में भी उतनी फीनेसिंग नजर नहीं आ रही है। अधिकतर कार्य आनन-फानन में कराए जा रहे हैं। कार्य के दौरान मजदूर ही यहां नजर आए। यात्रियों के बैठने के लिए लगाए जाने वाले चिकने पत्थर की कहीं चौड़ाई ज्यादा है। कहीं मजदूरों को अधिक घिसाई करनी पड़ रही है। वही प्लेटफार्म नंबर-1 पर यात्रियों के बैठने के लिए रखी गई सीमेंट की कुर्सियां भी क्षतिग्रस्त हैं।
इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था के नाम पर यहां कहीं न तो नल नहीं लगे हैं तो कहीं नल से पानी लीकेज हो रहा है। जो प्लेटफार्म में फेल रहा है। नल की फिटिंग की कई जगह काफी कमजोर लगाई गई है लोगों के हाथों में नल ही आ जाता है और पानी का फव्वारा बाहर निकलने लगता है। बैठने वाले अनेक स्थानों पर ग्रेनाइट पत्थर भी नहीं लगाए जा सके हैं।