सिवनी, मध्य प्रदेश
जिला सिवनी थाना कान्हीवाडा में एक पीड़िता ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी जो रिश्तेदार लगता है, जिसके घर दिनांक 22 अप्रैल 2020 को दोपहर 12:00 से 1:00 के बीच टीवी देखने गई थी, उसी बीच लाइट चली गई तो वह अपने घर जा रही थी तभी अचानक आरोपी पीछे से आया और उसे पकड़ कर अंदर ले गया और सामने का दरवाजा बंद कर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया, फिर वह अपने घर चली गई।
पीड़िता डर की वजह से अपने परिवार वालों को यह बात नहीं बताई और दोबारा आरोपी के घर भी नहीं गई। जब उसकी तबीयत 2 महीने बाद खराब हो गई तो वह अपनी मां के साथ जिला अस्पताल सिवनी चेक कराने आई थी तब डॉक्टर मैडम ने चेक करके बताया था कि वह गर्भवती है।
पीड़िता के इस बयान के आधार पर आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म करने के अपराध के अंतर्गत मामला दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल कराया और आवश्यक कार्यवाही कर आरोपी को जेल भेज दिया गया।
आरोपी जमानत हेतु आवेदन लगाया था, जिसकी सुनवाई श्रीमान अशोक कुमार शर्मा, चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सिवनी के न्यायालय में की गई, जिसमें शासन की ओर से श्रीमती उमा चौधरी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा आपत्ति दर्ज कर बताया गया कि आरोपी पीड़िता के रिश्तेदार होते हुए भी रिश्तो की सारी मर्यादाओं को लांघकर पीड़िता का शारीरिक शोषण किया है।
जो की अत्यंत घृणित कार्य है, जिसका प्रभाव संपूर्ण समाज पर पड़ता है जो कि क्षमा योग्य नहीं है अतः ऐसे व्यक्तियों को जमानत का लाभ दिया जाना कदापि उचित नहीं है। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी एवं शासन दोनों पक्षों की दलिलो को सुनने के पश्चात विचार करते हुए आरोपी के आवेदन को खारिज करने का आदेश जारी किया है।