सिवनी, धारनाकला (एस. शुक्ला): GSA ग्लोबल सेफुड एलायंस झींगा मछली के नाम पर हुई ठगी की जांच पुलिस अधीक्षक सिवनी के निर्देश पर तेजी से की जा रही है और अब तक दर्जनो पीडित और ठगी के शिकार युवकों के कथन पुलिस द्वारा लिये जा चुके है.
कथन के आधार पर बरघाट पुलिस इस कंपनी की शुरूआत करने वाले तथा लोगो को भ्रमित कर इस कंपनी मे धन लगवाने वालो की तलाश मे जुट चुकी है जिसमे पीडित और ठगी के शिकार युवक भी अपने कथन के साथ प्रमाण प्रस्तुत कर रहे है.
उल्लेखनीय है की GSA झींगा मछली की शुरूआत धारनाकला मे माह फरवरी मे हुई थी और शुरूआत मे छेत्र के युवक कंपनी के सबसे छोटे प्लान 520 मे 43 दिन मे 916 रूपये के प्लान के साथ जुडते चले गये और भारी तादाद मे चैनल सिस्टम के साथ भारी तादाद मे युवक भी जुडते चले गये तथा झींगा मछली के नाम पर कंपनी के प्लान की राशि भी बढते चली गई और कपंनी के प्लान भी पाच हजार से लेकर 130000 एक लाख तीस हजार रूपये पर पहुँच गए.
तथा 60 साठ दिन मे राशि पाच गुना तक मिलने का भरोसा कंपनी तथा इसे चलाने वालो के द्वारा दिया जाने लगा और सोशल मीडिया तथा वाटसाप ग्रूप मे भी प्रति दिन की आय तथा कमीशन प्रदर्शित होते रहा और इसी के चलते युवक कंपनी के बडे प्लान की ओर दौडते चले गए.
सेमीनार से हुई सबसे ज्यादा धन की उगाही
उल्लेखनीय है की GSA झींगा मछली के प्रचार प्रसार एवं कंपनी से जोडने के लिये जैसे ही 11 जून को पंचशील लान बरघाट मे सेमिनार का आयोजन रखा गया और लोगो को आमंत्रित करते हुऐ कंपनी के प्लान तथा आय तथा फायदे से लोगो को अवगत कराया गया.
उसी दिन कंपनी के बडे प्लान से लोग जुडते चले गये और बडे बडे प्लान मे अपने धन फसा दिया किन्तु सेमीनार के दूसरे और तीसरे दिन से ही कंपनी से पैसा आना बन्द हो गया और लोगो को एहसास हो गया की वे ठगी का शिकार हो चुके है और युवको ने इसकी शिकायत पुलिस थाना बरघाट मे कर दी वही दूसरे पक्ष के द्वारा यही शिकायत पुलिस अधीक्षक कोGSA कंपनी के नाम पर कर दी गई जिस पर पुलिस थाना बरघाट द्वारा हर पहलू पर जांच की जा रही है.
ग्रूप से किया किनारा
उल्लेखनीय है की GSA 007 नाम से माह फरवरी मे ही मोबाइल पर ग्रूप भी बनाया गया था जिसमे वही लोग जुडे थे जो GSA झींगा मछली से जुडे थे इस ग्रूप मे लगभग नौ सौ लोग जुडे हुऐ थे किन्तु जैसे ही शिकायत थाने पहूची लोग ग्रूप से हटते चले गये चूकिं इस ग्रूप मे बहूत हद तक शासकीय सेवक के पद पर तथा शिक्षा विभाग से जुडे लोग शामिल थे जिन्होने इस ग्रूप से किनारा करना ही उचित समझा.
प्रति माह कमीशन के साथ मासिक वेतन भी देती थी कंपनी
यहा यह भी उल्लेखनीय है की इस कंपनी बेहतर कार्य करने वालो को मासिक सेलरी भी निर्धारित थी और जिले के लगभग दस से बारह युवको को यह सेलरी भी मिलती थी जिसमे 150000 से लेकर अस्सी हजार तथा तीस हजार रूपये तक सैलरी लेने वालो की लिस्ट कंपनी से जुडे युवक द्वारा दिखाई गई तथा यही सैलरी कापी पुलिस थाना बरघाट को भी सौपी गई है
वही दूसरी तरफ पुलिस जाचं मे कंपनी से खास तौर जुडे युवक ही अपने बचाव में एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे है किन्तु यह भी सही है की पुलिस बारीकी से जांच करती है तो यह सत्यता भी बहुत जल्द सामने आ जायेगी की कंपनी की शुरूआत और सबसे लम्बी चैनल किसकी थी और किसके नीचे अथवा उसकी आई डी कै नीचे कितने लोगो को जोडकर कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है.
पूरे जिले मे फैला दिया गया था नेटवर्क
यहा यह बताना भी लाजिमी है की धारनाकला बरघाट सहित कुर ई ब्लाक मे भी GSA झींगा मछली प्लान और कंपनी से लोगो को भारी तादाद मे जोडा गया था सैलरी और कमीशन के लोभ मे भी कंपनी से जुडे युवको के द्वारा युवको को डबल मनी प्लान मे जोड दिया गया औरसिवनी जिले के ब्लाक मे जहा कंपनी और एजेन्ट काम कर थे ठीक इसके विपरीत ब्लाक मे कोड भी अलग अलग निर्धारित थे जिसमे बरघाट GSA 007 था वही सीनियर ग्रूप अलग था जिसमे कंपनी के प्लान तथा फायदे और लाभ की जानकारी होती थी.
वैसे बरघाट पुलिस द्वारा हर पहलू पर जाच की जा रही है तथा साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे है अब देखना है की लाखो की ठगी मे क्या कार्यवाई सामने आती है