सिवनी : नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 24 वार्डों में गंदा पानी सप्लायी को लेकर आज कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर नायब तहसीलदार संगम पटले व पीएचई के सहायक यंत्री अजय अवस्थी व मुख्य नगर पालिका अधिकारी मनोज श्रीवास्तव सहित अमले ने बंडोल श्रीवनी स्थित फिल्टर प्लांट पहुंचकर 22 टन एलम व ब्लीचिंग की जब्ती बनायी है।
जाँच दल में शामिल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री अजय अवस्थी ने दैनिक सिवनी लोकवाणी से चर्चा करते हुये जानकारी दी कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जाँच दल आज जबलपुर रोड पर स्थित श्रीवनी फिल्टर प्लांट पहँुचकर जाँच की, जहाँ पुराना रखा हुआ 22 टन एलम व ब्लीचिंग जब्त किया गया है तथा जब्ती उपरांत उक्त एलम व ब्लीचिंग को नगर पालिका के सीएमओ को सौंप दिया गया है।
इसके बाद आगे की कार्यवाही नगर पालिका प्रशासन द्वारा की जायेगी। ज्ञात हो कि फिल्टर प्लांट में पुरानी एलम व ब्लीचिंग का उपयोग किया जा रहा था, जिसकी शिकायतों व सिवनी विधायक द्वारा किये गये निरीक्षण के उपरांत आज जिला प्रशासन ने यह कार्यवाही की है।
ज्ञात हो कि इस मामले में कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी सिवनी मनोज श्रीवास्तव एवं संबंधित संविदाकार लक्ष्मी इंजीनियरिंग नागपुर को वाटर फिल्टर प्लांट में अनियमितता पाये जाने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
नगर के विभिन्न वार्डों में दूषित व गंदा पानी सप्लायी होने की शिकायतें पिछले 15 दिनों से लगातार हो रही थी, जहाँ संविदाकार यह कहते नजर आ रहे थे कि उनके ओर से शुद्ध पानी टंकियों तक पहँुचाया जा रहा है, लेकिन टंकियों से नगर पालिका द्वारा संचालित पाईप लाईनों के माध्यम से घरों-घर पानी पहँुचाया जा रहा है, जहाँ गड़बडिय़ाँ होने की संभावनाएं हैं वहीं गंदे पानी की सप्लायी को लेकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी से भी आमजनों के द्वारा बार-बार शिकायतें की गईं।
वे इस मामले में यह कहते नजर आये कि दिखवाते हैं, लेकिन समय रहते उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। इसके पश्चात बीते दिवस सिवनी विधायक ने इस मामले में संज्ञान लेते हुये फिल्टर प्लांटों का निरीक्षण किया था, जहाँ पुरानी एलम व ब्लीचिंग होना पाया गया था तथा विधायक ने निरीक्षण उपरांत वस्तुस्थिति से कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया था।
आज भी घरों तक पहँुचा गंदा पानी
मिली जानकारी के अनुसार सिवनी नगर में आज भी गंदा पानी नलों के माध्यम से घरों तक पहँुचाया है, जिसे लेकर जनता में आक्रोश देखा जा रहा है कि नवीन जलावर्धन योजना के क्रियान्वयन के बाद भी गंदा पानी पीने के लिये मिल रहा है।