सिवनी जिले में पत्रकारिता पर सीधा हमला सामने आया है। जिंदल हॉस्पिटल भैरोगंज में कवरेज करने पहुंचे एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ हॉस्पिटल संचालक और कर्मचारियों द्वारा मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करती है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित पत्रकार, जो जानी मोहल्ला, कबीर वार्ड, थाना डूंडासिवनी के निवासी हैं और वर्तमान में “संवाददूत” समाचार पत्र के प्रधान संपादक हैं, ने पुलिस को दी गई FIR में बताया कि 28 दिसंबर 2025, सुबह करीब 10 बजे जिंदल हॉस्पिटल भैरोगंज में एक मरीज की मृत्यु हो गई थी। मृतक का शव परिजनों को सौंपे जाने को लेकर विवाद की स्थिति बन गई थी।
घटना की जानकारी मिलने पर पत्रकार कवरेज के लिए हॉस्पिटल गेट पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि मृतक के परिजन, विशेषकर एक महिला, गेट के सामने रो-रोकर अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही थी। पत्रकार ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए पहले महिला से घटना की जानकारी लेनी चाही।
“कैमरा बंद कर लो” से शुरू हुआ विवाद
इसी दौरान जिंदल हॉस्पिटल का कर्मचारी विशाल दुबे पत्रकार के पास पहुंचा और दबाव बनाते हुए कहा – “कैमरा बंद कर लो, पहले अग्रवाल साहब से बात कर लो।” पत्रकार ने स्पष्ट कहा कि वे पहले परिजनों की बात सुनेंगे, फिर हॉस्पिटल प्रबंधन का पक्ष भी लेंगे। इसी बात पर विवाद बढ़ गया।
हॉस्पिटल संचालक पर गंभीर आरोप
FIR के अनुसार, जिंदल हॉस्पिटल के संचालक सुनील अग्रवाल मौके पर पहुंचे और पत्रकार पर शराब पीकर ब्लैकमेल करने जैसे झूठे आरोप लगाते हुए मां-बहन की अश्लील गालियां देने लगे। जब पत्रकार ने गाली देने से मना किया, तो आरोप है कि:
- पत्रकार का गला पकड़कर दीवार से धक्का दिया गया
- थप्पड़ों और घूंसों से मारपीट की गई
- माइक और कैमरा स्टैंड फेंक दिया गया, जिससे उपकरण क्षतिग्रस्त हो गए
- गले में पहनी चांदी की चैन टूट गई
- शर्ट के बटन का काज फट गया, जिससे आर्थिक नुकसान हुआ
“जहर का इंजेक्शन दे दो” – रोंगटे खड़े करने वाला बयान
इतना ही नहीं, FIR में यह भी उल्लेख है कि मौके पर मौजूद यशवंत उपाध्याय और विशाल दुबे ने लात-घूंसों से मारपीट की और कथित रूप से कहा कि: “इसे कमरे में बंद कर दो… जहर का इंजेक्शन दे दो, वीडियो सबूत मिट जाएगा।” यह कथन पूरे मामले को अत्यंत गंभीर और आपराधिक बनाता है।
जान से मारने की धमकी
पीड़ित पत्रकार का आरोप है कि हॉस्पिटल संचालक सुनील अग्रवाल ने खुलेआम धमकी दी कि: “दोबारा मेरे हॉस्पिटल के आसपास दिखा तो तुझे जान से खत्म कर देंगे।” इस धमकी के बाद पत्रकार अपने साथियों के साथ थाने पहुंचे और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की।
पत्रकारों में आक्रोश, सुरक्षा पर सवाल
इस घटना के बाद सिवनी के पत्रकारों में भारी आक्रोश है। सवाल उठ रहे हैं कि जब हॉस्पिटल जैसे संवेदनशील स्थानों पर पत्रकार सुरक्षित नहीं, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी?
पत्रकार संगठनों ने दोषियों के खिलाफ तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की है।
पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग
पीड़ित पत्रकार ने स्पष्ट कहा है कि यह हमला सिर्फ उन पर नहीं, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस गंभीर मामले में कितनी तत्परता और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है।

