सिवनी। अप्रैल माह की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने प्रचंड रूप धारण कर लिया है। दिन-ब-दिन बढ़ते तापमान और तेज़ धूप ने आमजन का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, खासतौर पर अचूलों के मासूम बच्चों को इस भीषण गर्मी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने के लिए लगाए गए ऑटो और बसों के लेट होने की वजह से कई बार उन्हें कड़कती धूप में खड़े होकर वाहन का इंतजार करना पड़ता है। यह स्थिति न केवल कष्टकारी है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डाल रही है।
बच्चों के स्वास्थ्य पर खतरा
प्रचंड गर्मी और उमस के चलते कई बच्चे लू की चपेट में आकर बेहोश हो चुके हैं। इसके कारण अभिभावकों में भी चिंता का माहौल है और वे बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं।
विद्यालय समय में हो बदलाव
इस विकट परिस्थिति को देखते हुए स्कूल समय में बदलाव की मांग तेजी से उठ रही है। कई पड़ोसी जिलों में स्कूलों का समय बदलकर सुबह 7:30 से दोपहर 12:30 तक कर दिया गया है, ताकि बच्चे दोपहर की तेज़ धूप से बच सकें।
शासन द्वारा प्रत्येक जिले के जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी गई है। ऐसे में सिवनी जिले में भी विद्यालय समय में तत्काल परिवर्तन की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
सुझाव और मांग
शिक्षाविदों और अभिभावकों की राय है कि सिवनी जिले में भी सभी शासकीय और निजी विद्यालयों का संचालन प्रातः 7:30 बजे से 12:30 बजे तक किया जाए। इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों के समय में बदलाव किया जाना चाहिए।
इससे बच्चों को पढ़ाई में आसानी होगी और वे तेज़ गर्मी से सुरक्षित भी रह सकेंगे। साथ ही, बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को सहानुभूति पूर्वक और संवेदनशील निर्णय लेना चाहिए।
प्रशासन से अपील
जिला प्रशासन को चाहिए कि वह अन्य जिलों की भांति सिवनी जिले में भी तत्काल विद्यालय समय में परिवर्तन की घोषणा करे, ताकि इस भयंकर गर्मी में बच्चों को राहत मिल सके और उनकी शिक्षा भी बाधित न हो।
यह खबर अभिभावकों की पीड़ा और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।