सिवनी जिला परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि आम नागरिकों के लिए बिना एजेंट के काम करवाना किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। विशेष रूप से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया इतनी जटिल और भ्रष्ट हो गई है कि लोग मजबूरन एजेंटों के माध्यम से काम करवाने को विवश हो जाते हैं।
एजेंटों का कब्जा और विभागीय मिलीभगत
सिवनी आरटीओ कार्यालय के बाहर बैठे एजेंट 3000 से 3500 रुपए लेकर टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर ड्राइविंग लाइसेंस का कार्य बिना किसी परीक्षण के करवा देते हैं। जबकि आम नागरिकों को खुद से लाइसेंस बनवाने पर तमाम अड़चनें झेलनी पड़ती हैं।
क्या यह भ्रष्टाचार विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव है? बिल्कुल नहीं। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि इन अधिकारियों को इस व्यवस्था से मोटी कमाई होती है।
सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत, फिर भी मिला अपमानजनक जवाब
कुछ दिन पूर्व, एक महिला आवेदिका ने स्वयं ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया। उसने एग्जाम भी पास कर लिया, परंतु सिवनी आरटीओ द्वारा लाइसेंस को अप्रूव नहीं किया जा रहा था।
इस समस्या के समाधान हेतु खबर सत्ता के एडिटर इन चीफ शुभम शर्मा ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कई बार समस्या का समाधान किए बिना ही शिकायत को बंद कर दिया गया।
15 दिन में मिला लाइसेंस, परंतु अधिकारी की असंवेदनशीलता रही बरकरार
लगातार शिकायत और संघर्ष के बाद आखिरकार 15 दिनों में लाइसेंस को अप्रूव कर दिया गया, लेकिन यह सिर्फ संघर्ष करने के बाद संभव हुआ।
08 अप्रैल 2025 को देवेश बाथम ने शुभम शर्मा को फोन कर यह पूछा कि शिकायत क्यों की गई थी। जब उन्हें बताया गया कि यह शिकायत एक रिश्तेदार के लिए की गई थी, तब उन्होंने यह कहकर फोन काट दिया, “फालतू की शिकायत करते रहते हो बस।”
क्या एक जागरूक नागरिक को शिकायत करने का अधिकार नहीं है?
देवेश बाथम की इस असंवेदनशील प्रतिक्रिया ने यह सिद्ध कर दिया कि सिवनी आरटीओ कार्यालय में पारदर्शिता और जवाबदेही जैसी कोई चीज़ बची नहीं है। क्या कोई सिर्फ इसलिए शिकायत नहीं कर सकता क्योंकि आवेदनकर्ता और शिकायतकर्ता का सरनेम अलग है?
एजेंट से कराओ तो सब आसान, खुद करो तो अड़चन पर अड़चन
यदि यही आवेदन किसी एजेंट द्वारा किया गया होता, तो आवेदिका को न तो परीक्षा देनी पड़ती, न ही अप्रूवल के लिए संघर्ष करना पड़ता और न ही 15 दिन तक इंतजार करना पड़ता। यह स्थिति भ्रष्टाचार के विकराल रूप को दर्शाती है।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सही प्रक्रिया (बिना एजेंट के)
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
- परिवहन विभाग की वेबसाइट https://parivahan.gov.in पर जाएं।
- “Apply for Learner License” पर क्लिक करें।
- मांगी गई जानकारी भरें, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- ऑनलाइन शुल्क जमा करें और एग्जाम की डेट लें।
लर्निंग लाइसेंस के बाद स्थायी लाइसेंस
- लर्निंग पास होने के 6 माह के भीतर ट्रायल टेस्ट देना होता है।
- स्थायी लाइसेंस के लिए अलग से शुल्क जमा कर ट्रायल की तारीख लें।
- ट्रायल पास करने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन डाउनलोड कर प्राप्त किया जा सकता है।
जरूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- ऑनलाइन आवेदन की रसीद
आपके भी लाइसेंस को नहीं मिल रहा अप्रूवल? खबर सत्ता से करें संपर्क
अगर आपने भी बिना एजेंट के लाइसेंस बनवाने की कोशिश की है और आपको भी अप्रूवल नहीं मिल रहा है, तो अब डरिए मत।
आप अपनी पूरी जानकारी हमारे ऑफिसियल व्हाट्सएप नंबर 9993157979 पर भेज सकते हैं।
हम न सिर्फ सीएम हेल्पलाइन में आपकी ओर से शिकायत करेंगे, बल्कि इस मुद्दे को समाचार में प्रकाशित भी करेंगे।
हमारा लक्ष्य है – भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाना और ईमानदार आवेदकों को न्याय दिलाना।
देवेश बाथम का व्यवहार चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण
एक सरकारी कर्मचारी का यह उत्तर,
“फालतू की शिकायत करते रहते हो,”
सरकार की पारदर्शिता और सुशासन की नीति पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
क्या यही है जनहित में प्रशासन?
क्या शिकायत करना अब अपराध हो गया है?
सिवनी आरटीओ की वास्तविकता यह दर्शाती है कि कैसे सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार और एजेंटों की पकड़ आम नागरिकों को हतोत्साहित कर रही है। लेकिन यदि हम सब मिलकर आवाज़ उठाएं, शिकायत करें, और जनजागरण करें तो एक दिन यह सिस्टम बदलेगा। खबर सत्ता का यह प्रयास एक भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष की मिसाल है। आइए, एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ें और हर व्यक्ति को उसका सामाजिक और कानूनी अधिकार दिलाएं।