सिवनी। जिला सत्र न्यायालय द्वारा पत्नी को जिंदा जलाने के आरोप को गलत पाते हुए पति एवं ननद को दोषमुक्त किया गया।
मामला यह था कि आरोपीगणों पर यह आरोप था कि दिनांक 11 मार्च 2020 को दोपहर करीब 1 बजे मृतिका की ननद श्रीमती रजनी चौहान ने मृतिका को अपने मायके से 50 हजार लेकर आने को कहा ।
मृतिका द्वारा मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी देते हुए घर मे रखा हुआ मिट्टी का तेल मृतिका के ऊपर डाल दिया तथा मृतिका के पति दीपक गोदरे ने भी मृतिका को धमकी देते हुए माचिस की तीली से आग लगाकर मृतिका को जला दिया।
गंभीर हालत में मृतिका की पुत्री एवं पुत्र द्वारा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया मृतिका की गंभीर स्थिति होने से उसे नागपुर रेफर किया गया जहाँ उसका इलाज मेवा अस्पताल हुआ उपचार के दौरान मृतिका की मृत्यु दिनांक 14 मार्च 2020 को हो हुई ।
नागपुर पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर अग्रिम कार्यवही हेतु कोटवली सिवनी को प्रकरण की विवेचना हेतु डायरी सौपी गयी जहा कोतवाली पुलिस द्वारा आरोपीगणों द्वारा 307 302 34 भादवी की विवेचना पूर्ण कर अभियुक्तपत्र न्यायालय में पेश किया गया था।
उक्त प्रकरण का विचारण श्रीमान सत्र न्यायाधीश सिवनी की न्यायालय में किया गया जहाँ अभियोजन साक्षियों एवं बचाव के साक्षियों तथा उभयपक्ष के तर्कों के उपरांत आरोपीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र शर्मा द्वारा प्रस्तुत न्यायद्रष्टान्तों एवं मृतिका के मृत्यु कालीन कथन पर विश्वास न करते हुए माननीय सत्र नयायधीश द्वारा आरोपी दीपक गोदरे एवं श्रीमती रजनी चौहान को उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप धारा 307, 302,34 भादवि के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया।