सिवनी, धारनाकला: जनपद सभा सिवनी के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज बेशकीमती भूमि जो की आज की स्थिति मे करोड़ों रूपये की है इस ओर सम्बंधित विभाग का ध्यान क्यों नही है यह बात समझ से परे है चूंकि सबकुछ ञात होते हुऐ भी जनपद सिवनी का चुप्पी साधे रहना अनेको सन्देह को जन्म दे रहा है.
चूंकि जनता के हित से जुडी शासकीय भूमि निजी तौर पर पटवारी तथा आर आई की साठं गाठं से संसोधित कर दी गई है जिसको लेकर धारनाकला ही नही अपितु पूरे छेत्र मे चर्चाओ का माहोल गर्म है की बेशकीमती शासकीय जमीन का मुख्य हिस्सा जो की सिवनी बालाघाट रोड डॉ लगा है कैसे निजी तौर पर राजस्व रिकार्ड मे संसोधित हो गया
करोडो रूपये मूल्य की है भूमि
उल्लेखनीय है की सिवनी बालाघाट रोड से लगी शासकीय भूमि जो की राजस्व रिकार्ड मे जनपद सभा सिवनी के नाम पर दर्ज है इस भूमि को सुरक्षित करने का प्रयास आज तक सम्बन्धितो के द्वारा नही किया गया जबकि यह शासकीय भूमि का धारनाकला का ह्रदय स्थल कहलाता है.
किन्तु इस भूमि पर सम्बंधित विभाग की अनदेखी भूमाफियाओ को जरूर लाभ पहूचा रही है जबकि जनपद पंचायत सिवनी के द्वारा भी इस भूमि को सुरक्षित करने के लिये तहसीलदार बरघाट तथा जिला कलेक्टर को भी आवेदन प्रस्तुत करते हुऐ कारवाई की अपेक्षा व्यक्त की गई है.
किन्तु अब तक प्रशासनिक ठोस कार्रवाई सामने न आने से यह की मती भूमि आज भी अवैध कब्जो तथा भूमाफियो के मकड़जाल मे फसी हुई है
बेशकीमती भूमि के संसोधन मे कैसे हुई हेराफेरी जांच का विषय
उल्लेखनीय है की जहा इस भूमि का निजी खाते मे संसोधित होना बन्दोबस्त के समय का जवाबदारो द्वारा बताया जा रहा है वही दूसरी तरफ जानकारी तथा रिकार्ड की हकीकत को देखते हुऐ कुछ और ही मामला सामने आ रहा है चूकि वर्ष 1988 89 मे बन्दोबस्त की कार्रवाई हुई है.
किन्तु तब तक जनपद सभा सिवनी का पूर्ण रकबा राजस्व रिकार्ड मे दर्ज होना दर्शाता है एवं वर्ष 1990 92 तक जनपद सभा सिवनी के नाम पर दर्ज भूमि का रकबा यथावत था किन्तु पटवारी तथा आर आई की मिलीभगत से बेशकीमती भूमि के कीमती हिस्से को संसोधित निजी तौर पर करने की कहानी लिख दी गई और भूमि का बेशकीमती हिस्सा भी संसोधित होकर महंगे दामो मे बिक गया और दुकान तथा इमारते खडी हो गई तथा पूरी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का जाल बिछते चला गया.
संसोधित भूमि मामले की हो निस्पक्ष जांच तथा कार्रवाई
शासकीय भूमि के संसोधन मामले मे ग्रामीणो ने निस्पक्ष जांच की मांग करते हुऐ भूमि का संसोधन रद्द किये जाने की मांग की है ताकि जनता के हित से जुडी शासकीय भूमि का उपयोग जनहित मे हो सके चूकि अनेको वर्षो से इस भूमि पर सुगम काम्प्लेक्स निर्माण के लिये आवाज उठती रही है और इस सम्बध्द मे जनपद पंचायत बरघाट के द्वारा भी प्रयास हुऐ है किन्तु भूमि जनपद सभा सिवनी के नाम पर होने के चलते इस भूमि पर सुगम कांप्लेक्स का निर्माण भी सपना बनकर रह गया है और भूमि अतिक्रमण के मकड़जाल और अवैध कब्जो मे तब्दील होते चली गई.
संसोधित भूमि पर भी पक्की इमारते खडी होने के साथ भूमि महंगे दर पर बिकते चली गई जिसे वापस शासकीय खाते मे परिवर्तित करने की मांग भी ग्रामीण जनो के द्वारा की जा रही है चुकि जिस तरह से शासकीय भूमि का कीमती हिस्सा जो की मेन रोड से लगा हुआ है.
निजी तौर पर मिली भगत से संसोधित कर दिया गया है जिसकी जानकारी तक जनपद पंचायत सिवनी को नही है जब इस सम्बन्ध मे जनपद पंचायत सिवनी से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा भी इस सम्बध्द मे अपनी सहमति से इन्कार करते हुए कार्रवाई की बात कही गई है तथा तहसीलदार बरघाट को भूमि संसोधित मामले पत्र लिखते हुऐ कारवाई की मांग की गई है तथा भूमि के संसोधन को रद्द कर शासकीय भूमि को वापस राजस्व रिकार्ड मे दर्ज करने हेतू न्यायालय मे प्रकरण भी दर्ज कराने की बात सामने आई है.
चूंकि जैसे ही शासकीय भूमि निजी तौर संसोधन का मामला प्रकाश मे आया है ग्राम के बुद्ध जीवियो के द्वारा राजस्व रिकार्ड निकाले जा रहे है तथा बहूत जल्द भूमि के हस्तांतरण मामले को लेकर न्यायालय की शरण मे जाने की मानसिकता बनाई गई है.
और यही कारण है रिकार्ड रूम सिवनी से पुराना रिकार्ड जनपद सभा सिवनी का निकाला गया है की किस तरह शासकीय भूमि का संसोधन निजी तौर पर कर दिया गया वही दूसरी तरफ ग्रामीणो ने जिले के संवेदन शील जिला कलेक्टर से अपेक्षा व्यक्त की है जनपद सभा सिवनी के नाम पर दर्ज भूमि और संसोधित भूमि की निस्पक्ष जांच करवा कर ठोस कार्रवाई को अन्जाम दे ताकि शासकीय भूमि मे भविष्य मे हेराफेरी न हो