सिवनी। सिवनी शहर में अब सट्टे का कारोबार बड़े पैमाने पर फलफूल रहा हैं। अभी तक पर्चियों के जरिये चल रहे सट्टा किंग के इस अवैध कारोबार में लोग सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल करने लगे हैं।
पर्ची लिखने के जमाने से शुरू हुआ सट्टा करोबारी शेयर मार्केट के अंकों पर चलना शुरू हुआ था। लेकिन जैसे-जैसे लोग हाईटेक होते गए वैसे ही सट्टे का कारोबार भी आज मार्डन हो गया है।
जिसके चलते सट्टे का कारोबार अब कागज के पन्नों से हटकर सोशल मीडिया या कहें व्हाट्सएप्प के जरिए बड़े पैमाने पर फल फूल रहा है।
सट्टा का बाजार हुआ गरमा-गर्म
शहर में एक बार फिर से सट्टा-बाजार गर्म हो गया है। इस कारोबार में कई सफेदपोश लोग भी शामिल हैं जो कहने के लिए शहर के बड़े व्यापारी हैं और उनका असली काम सट्टे का ही है। इसके अलावा सिवनी के सटोरियों के लिए सट्टा लगाने की व्यवस्था सोशल मीडिया व्हाट्सएप में से शुरू कर दी गई है। लोगों ने जब इस संबंध में कुछ सटोरियों से संपर्क साधा तो नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि शहर में इन दिनों आठ बड़े बुकी ही बड़े स्तर पर सट्टेबाजी में जुड़े हुए हैं।
हाईटेक हुआ सट्टे का कारोबार
इस कारोबार से जुड़े सूत्रों की मानें तो पहले तो वह सट्टे का कारोबार पर्ची के माध्यम से किया करते थे। जिससे अगर पुलिस इसके खिलाफ कार्रवाई करती थी, तो पर्ची पाए जाने पर जेल जाना तय हो जाता था। लेकिन अब सट्टा का खेल पर्ची का माध्यम छोडक़र सोशल मीडिया (व्हाट्सएप) के जरिये सट्टे के नंबर लिखने का काम करते हैं।
उनका कहना है कि अगर पुलिस मुखबिर की सूचना पर सट्टा लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो सबसे पहले उनकी जेबों में पर्चियां ढूढ़ी जाती हैं। लेकिन सारा काम व्हाट्सएप्प के जरिये होता है इसलिए उनको कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाते। इसीलिए सट्टा कारोबारियों ने अब व्हाट्सएप्प के जरिये सट्टे का नंबर लिखने का काम शुरू कर दिया है।
कई सफेदपोश बने सट्टा किंग
जानकारी के मुताबिक एक रिक्शा चालक से लेकर कई बड़े-बड़े बिजनेसमैन और सफेदपोश नेता भी सट्टे के सट्टा बाजार कारोबार में नंबर लिखवाकर अपना भाग्य आजमाने का प्रयास करते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक के साथ ही कई सफेदपोश नेता भी इस सट्टा बाजार को अपना संरक्षण दे रहे हैं। यहां तक कि पुलिस से भी सांठ-गांठ करके इस कारोबार (सट्टा किंग 2021) को बड़े पैमाने पर संचालित किया जा रहा है।
सट्टेबाज दे रहे पुलिस को चुनौती
जी हां सिवनी जिले में सट्टेबाज पुलिस वालों को खुलेआम चुनौती देते नजर आ रहे हैं सट्टेबाज बकायदा अपने आसपास सीसीटीवी कैमरे का उपयोग कर अपने यहां आने वाले हर एक व्यक्ति पर नजर बनाए है बकायदा चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे पर यह निगरानी करते हैं और खुलेआम अपना सट्टा मटका का खेल खिलाते हैं
यह है खेलने का तरीका-इस खेल में शून्य से नौ तक ईकाई, दहाई का अंक लगाने पर एक रूपये के दस रूपये मिलते हैं। इसके अलावा एक से सौ तक का कोई नंबर लगाने पर अगर फंस गया तो 12 रूपये के 100 रूपये मिलते हैं। हर जीत पर रकम का पच्चीस प्रतिशत हिस्सा ऐजेन्ट का है।
इसके अलावा हार पर भी कुछ इतना ही मिलना तय है। सट्टे के कारोबार में केवल खाइवाल अपना घर भरता है। ओपन और क्लोज़ के इस खेल में 9 घर खाइवाल के पास होते हैं जबकि एक घर खेलने वाले के पास। विनाश के इस खेल में रूपये का लेनदेन ईमानदारी से किया जाता है। सूत्रों की माने तो नगर में रोज़ाना लाखों रूपये का सट्टा खेला जा रहा है।
लोगों को होना पड़ेगा जागरूक
सामाजिक कोढ़ बन चुके इस इस अवैध काम से बचने के लिये लोगों को खुद जागरूक होना पड़ेगा। कम समय और बिना मेहनत के सट्टे और मटके के इस खेल में नौजवान गलत रास्ते पर चल पढ़े हैं और युवा पीढ़ी इसमें फंसती जा रही हैं। अंको के इस जाल में छात्र, नवयुवक, बेरोजग़ार, मज़दूर वर्ग अधिक प्रभावित हो रहे हैं और किस्मत के भरोसे अपना सबकुछ गंवा रहे हैं। सट्टे के इस कारोबार को रोकने के लिये पुलिस प्रशासन के साथ साथ आम नागरिक और जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना पड़ेगा।
ज़रूरत है बड़ी कार्यवाही की
सटोरियों पर की जाने वाली कार्यवाही में अधिकांश प्रकरणों में सज़ा जुर्माना के तौर पर होती है जिसका फायदा क्षेत्र के खाइवाल उठा रहे हैं। पहले तो धरपकड़ नहीं की जाती, और अगर उच्चाधिकारियों के अभियान में किसी को पकड़ भी लिया जाये तो अधिकांश जुए की धारा में जेल भेजे जाते हैं। शायद यही कारण है सटोरियों में कानून का कोई भय नहीं होता। खाकी की ओर से अनदेखी जारी है जिससे सट्टा कारोबारियों के हौंसले बुलन्द हैं।
अधिकांश अड्डे पुलिस के संज्ञान में है पर कार्यावाही शून्य जिससे संरक्षण की बात सामने आती हैं। पुलिस की कार्यावाही सट्टे के धंधे पर अंकुश लगाने में नाकाफी साबित हो रही है। क्षेत्र के सटोरियों पर कड़ी कार्यवाही की ज़रूरत है।