श्री राम सेना के प्रांतीय अध्यक्ष शुभम सिंह बघेल को फ़साने के लिए रचा जा रहा है षड्यंत्र
श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन, मांग पूरी ना होने पर होगा बड़ा जन आंदोलन
सिवनी : मामला डूंडा सिवनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत का है जहां पर दिनांक 16/02/2020 की देर शाम लगभग 6:30 बजे सलुआ घाटी मे घटित दुखद रोड रेज की घटना में एक व्यक्ति की मोत हो गई जिस पर थाना डूंडासिवनी पुलिस ने कुछ अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो दबाव दिया गया.
जिसके चलते दबाब में आकर गलत रूप से धारा 302 भारतीय दंड विधान का अपराध दर्ज कर लिया जो की डूंडासिवनी पुलिस की कार्यवाही कानून का दुरुपयोग की श्रेणी में आती है. जिसका लाभ लेते हुए कुछ अल्पसंख्यक समुदाय लोगों ने प्रशासन पर गलत रूप से दबाव बनाकर कल दिनांक 18/02/2020 को सिवनी शहर के कटंगी नाका बाईपास पर घंटों हजारों की संख्या में सर्वजनिक रास्ते को चक्का जाम किया.
उक्त घटना में शुभम बघेल जो कि श्रीराम सेना हिन्दू संगठन के बेहद सक्रिय कार्यकर्ता है उन्हें आरोपी बनाए जाने की मांग कर रहे थे इसके साथ प्रशासन की ओर से चक्का जाम का वीडियो बना रहे राजस्व निरीक्षक राणा के साथ भी प्रदर्शनकारियों द्वारा गंभीर रूप से मारपीट की गई है।
उल्लेखनीय होगा कि रास्ता रोके रहने, शासकीय कर्मचारियों के लोक कर्तव्यों में बाधा, मारपीट, हमला इत्यादि संबंध में चक्का जाम कर रहे लोगों पर कोई अपराध दर्ज ना होना जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठाता है । आपको बता दें कि इसके पूर्व भी सिवनी जिले में धारा 144 लगे रहने के दौरान सी.ए. ए. के विरोध में छोटी मस्जिद चौक सिवनी में भी अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग 800 लोग नेे घंटों नारेबाजी करते हुये जाम लगाया था जिस पर भी जिला प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अपराध दर्ज नहीं किया गया था
जिससे प्रदर्शनकारियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं और वह आए दिन सिवनी शहर की सड़कों को जाम करने का साहस करते नजर आते हैं , जिससे आम जनता बेहद परेशान होती है एवं शहर में डर का माहौल उत्पन्न होता है और लोगों का नियमों कानूनों पर से विश्वास उठता है ।
घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे शुभम बघेल
श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं का कहना है कि हम राज्यपाल महोदय का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं कि सेल्युवा घाटी सिवनी में घटित घटना के समय 5:30 से 7:20 बजे तक सुभम बघेल घटना स्थल के आसपास नही थे ,ऐसी स्थिति में उस घटना मे नाम झूठे रूप से जोडा जा रहा है जो पूर्णता गलत एवं अनुचित है ।
इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए कि उक्त दुखद घटना में जिस युवक की जान गई है वह दूसरे प्रदेश का है एवं काफी समय लंबे समय से अपनी पहचान छुपाकर बगैर मुसाफिर दर्ज किए सिवनी में निवास कर रहा था जो कि पुलिस प्रशासन की भी भारी त्रुटि के दायरे में आता है एवं प्रशासन अपनी इन कमजोरियों को छिपाते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के दबाव में आकर नियमों को ताक पर रखकर निर्दोष व्यक्तियों पर कार्रवाई कर रहा है ।
श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं ने अपने ज्ञापन में उक्त संपूर्ण मामले में सीबीआई जांच की मांग की है यदि ऐसा नहीं किया जाता तो वह भी निष्पक्ष न्याय हेतु सड़कों पर उतरने के लिए एवं एक बड़ा जन आंदोलन करने के लिए भविष्य पर बाध्य होंगे उनका कहना है कि सिवनी में अल्पसंख्यक समुदाय आए दिन इसी प्रकार से भीड़ एकत्रित कर माबलिचिंग कर प्रशासन पर अनियंत्रित दबाव निर्मित कर निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करने झूठे मामले में फंसाए जाने की कार्यवाही की जा रही है जो कि प्रजातंत्र में उचित नहीं है ।