सिवनी: जमीन पर कब्जा मामले में उच्च न्यायालय (Jabalpur Highcourt) ने सिवनी के भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन (Seoni MLA Dinesh Rai Munmun), राज्य शासन, प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग, सिवनी कलेक्टर (Seoni Collector), सिवनी नगर पालिका सीएमओ, तहसीलदार, नन्दकिशोर सनोडिया, भाजपा नेता संतोष अग्रवाल (Santosh Agrawal) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन पर लगे आरोपो की बात करें तो आरोपों के अनुसार विधायक मुनमुन ने सिवनी के सूर्य मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा किया है जिसको लेकर हाईकोर्ट ने सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन को नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन (MLA Dinesh Rai Munmun) ने विधायक मद की राशि का गलत तरीके से उपयोग करते हुए मंदिर बनवाया है, इसके आगे याचिकाकर्ता ने बताया कि विधायक दिनेश राय (MLA Dinesh Rai Munmun) ने ट्रस्ट बनाकर मंदिर की संपत्ति पर कब्जा किया और उसके बाद फिर गलत ढंग से विधायक मद की राशि का उपयोग करते हुए उस पर उसे खर्च कर दिया।
याचिकाकर्ता के अनुसार इस ट्रस्ट को विधायक दिनेश राय मुनमुन (Mla Dinesh Rai Munmun) ने 3500000 रुपए (पैंतीस लाख) विधायक मद की राशि से आवंटित किए हैं, जो की पूरी तरह से गलत है।
इसके आगे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का बताया कि नियमानुसार विधायक अपने मद से ट्रस्ट को 10 लाख रु से अधिक की राशि नहीं दे सकते है बावजूद इसके दिनेश राय मुनमुन 3500000 रुपए की राशि विधायक मद से ट्रस्ट को दे दी।
इस पूरे मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए अगली तारीख 4 नवंबर को तय की है।
जनहित याचिकाकर्ता सिवनी निवासी सुनील नाहर की ओर से अधिवक्ता रवींद्रनाथ त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जनहित याचिकाकर्ता ने सिवनी के चन्द्रप्रभा नगर में आवासीय कालोनी बनाई थी।
छह दिसम्बर, 2006 को यह कालोनी नगर निगम को हैंड ओवर कर दी गई। कालोनी में करीब 10 हजार वर्गफुट जमीन मनोरंजक गतिविधियों के लिए खुली छोड़ दी गई।
शनि धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नन्दकिशोर सनोडिया ने उक्त जमीन पर पुराना मन्दिर होने का दावा करते हुए उनके ट्रस्ट को यह जमीन सौंपने के लिए पत्र लिखा, लेकिन जमीन हैंड ओवर कर दी गई थी, इसलिए ट्रस्ट को नहीं दी जा सकी।
इस पर सनोडिया ने ट्रस्ट के उपाध्यक्ष व भाजपा नेता संतोष अग्रवाल व विधायक दिनेश राय मुनमुन की मदद से उक्त जमीन पर कब्जा करना आरम्भ कर दिया।
इसकी शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उक्त अवैध कब्जे हटाए जाने के निर्देश जारी किए जाएं।