सिवनी: पलारी पुलिस चौकी के अंतर्गत ग्राम पलारी में एक दर्दनाक घटना घटित हुई जिसमें 33 वर्षीय महिला वर्षा राय ने 08 मई को अपने सास, ससुर और नंद की प्रताड़ना से तंग आकर फिनायल पी लिया था। नागपुर में 12 मई को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में पलारी पुलिस ने 29 मई को आरोपी सास राधा बाई राय, ससुर कृष्णगोपाल राय और नंद संगीता राय के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की। दूसरे दिन सास राधा राय को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि मृतिका का ससुर कृष्णगोपाल राय और नंद संगीता राय फरार हो गए।
सूत्रों के अनुसार, राधा बाई अस्वस्थ रहने के कारण सबसे पहले उसकी गिरफ्तारी की गई जिसे माननीय न्यायालय ने जमानत दे दी। राधा बाई की जमानत के बाद, मृतिका की नंद संगीता राय की तरफ से भी जमानत की अपील की गई थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।
आरोपियों की गिरफ्तारी पर सवाल
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि वर्षा राय की मौत के मामले में आरोपी उसके ससुर कृष्ण गोपाल राय और नंद संगीता राय अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। वे अपनी जमानत के लिए प्रयासरत हैं जबकि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में असमर्थ रही है।
पलारी पुलिस की भूमिका पर सवाल
पलारी पुलिस की निष्क्रियता पर अब सबकी निगाहें हैं। पुलिस फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने में असमर्थ क्यों रही है? क्या उन्हें जानबूझकर जमानत का अवसर दिया जा रहा है?
प्राइवेट डॉक्टर की भूमिका
वर्षा राय की मौत के मामले में उसके ससुराल वालों के अलावा पलारी क्षेत्र का एक प्राइवेट डॉक्टर भी दोषी है। यदि पलारी पुलिस निष्पक्षता से जांच करें तो उस तथाकथित डॉक्टर के विरुद्ध भी मामला दर्ज हो सकता है जिसने वर्षा राय के द्वारा फिनायल पीने की जानकारी पलारी पुलिस को दिए बिना गलत इलाज किया। जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे सिवनी रेफर किया गया, जहां से वर्षा को नागपुर रेफर किया गया था और अंततः उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर की डिग्री की जांच का आग्रह
पुलिस को पलारी के उस प्राइवेट डॉक्टर की डिग्री की भी जांच करनी चाहिए जिसने वर्षा राय का गलत इलाज किया था। यदि वर्षा राय को समय से सही इलाज मिल जाता तो उसकी मौत नहीं होती। इस डॉक्टर की लापरवाही भी एक बड़ी वजह बनी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।