सिवनी जिले के ग्राम जैतपुर में रविवार को दोपहर अचानक लगी आग ने किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया। देखते ही देखते 75 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। इस आगजनी में लगभग 40 लाख की गेहूं की फसल और 10 लाख के पाइप व अन्य उपकरण जल गए, जिससे किसानों को कुल 50 लाख रुपये का भारी नुकसान हुआ।
फायर ब्रिगेड नहीं पहुंची, किसान आक्रोशित
पीड़ित किसानों ने बताया कि आग लगते ही तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन किया गया, लेकिन एक घंटे तक कोई मदद नहीं पहुंची। इस दौरान आग तेजी से फैलती रही और पूरी फसल जलकर राख हो गई। किसानों का आरोप है कि अगर समय रहते दमकल वाहन आ जाता, तो नुकसान को रोका जा सकता था।
आग लगने का कारण अज्ञात, प्रशासन से मुआवजे की मांग
आग लगने का स्पष्ट कारण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन किसानों को संदेह है कि बिजली के तारों से चिंगारी निकलने या किसी की लापरवाही से यह हादसा हुआ होगा। प्रभावित किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है।
प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी, किसानों में रोष
घटना के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ गई है। पीड़ित किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कोई राहत नहीं दी गई, तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
👉 सवाल उठता है कि जब किसानों को सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तब प्रशासन और फायर ब्रिगेड क्यों नाकाम साबित होती है? क्या किसानों को उनके हक की सुरक्षा मिल पाएगी, या फिर वे हर साल इसी तरह प्राकृतिक आपदाओं और सरकारी उदासीनता का शिकार होते रहेंगे?