सिवनी। विशेष न्यायालय (पाक्सो) ने सोमवार को कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत मासूम बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपित को 20 साल के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। साथ ही दो अन्य आरोपितों को भी सजा सुनाई गई है।
जिला अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार भौरे ने बताया कि 26 नवम्बर 2017 को पीड़ित बालिका ने कोतवाली थाना में लिखित शिकायत दी कि वह अपनी परिचित दीदी के साथ घुमने आयी थी।
वह दीदी के अंकल जितेन्द्र तिवारी के घर गये, तब दीदी उसे छोडकर कुछ देर वहीं रुकने के लिए कहकर चली गई। वह सामने के कमरे में बैठी थी, तभी अंकल (जितेन्द्र तिवारी) ने जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया।
इसके बाद वह किसी तरह घर से निकलकर भाग गयी और रात भर वहीं कही छुपी रही, सुबह रास्ते में वह कुछ लोगों से मिली, जिन्होंने पुलिस को फोन कर उसे कोतवाली थाने भिजवा दिया।
बताया गया कि पीडिता की शिकायत पर कोतवाली थाने में जितेन्द्र उर्फ जित्तू तिवारी, संदीप उर्फ गुन्नू ठाकुर, ब्रजवीर उर्फ ब्रज्जू सदाफल, पंकज उर्फ पंकज अग्रवाल ,अखिलेख डहेरिया, दुर्गा प्रसाद क्षिरसागर, गणेश गोडवे, माया उर्फ शिवानी, आभा उर्फ गुडिया और सुशिलाबाई उर्फ मीना के विरूद्ध अपराध भादवि की धारा 376 एंव धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 एवं 3(1)(इ), 3(2)(अ) एससी/एसटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायाधीश (पाक्सो), जिला सिवनी के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
सोमवार को विशेष न्यायालय (पाक्सो) ने सुनवाई के दौरान अभियोजन के तर्कों के आधार परनिर्णय पारित करते हुए तीन आरोपितों क्रमश जितेन्द्र उर्फ जित्तू तिवारी को भादवि की धारा 376(घ) में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 08 हजार रुपये के अर्थदण्ड ब्रजवीर उर्फ बिज्जू सदाफल को भादवि की धारा 376(घ) में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 08 हजार रुपये के अर्थदंड और पंकज अग्रवाल को धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 05 हजार रुपये के अर्थदंड से दोषसिद्ध पाते हुए दण्डित किया गया।