सिवनी : कलेक्टर प्रवीण सिंह के आदेशानुसार खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के अंतर्गत खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच की कार्रवाई लगातार जारी है ।
दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए संयुक्त दल द्वारा सिवनी जिले के विभिन्न विकास खंडों तहसील क्षेत्रों और सिवनी मुख्यालय में लगातार जांच कार्रवाई एवं नमूना कार्यवाही की गई है विगत 19 अक्टूबर 2019 को कुरई स्थित पांडे रेस्टोरेंट्स नमकीन एवं मिठाई, लक्ष्मी रेस्टोरेंट्स से नमकीन एवं मैदा, बीकानेर रेस्टोरेंट्स से चमचम एवं खोवा।
वही दिनांक 20 अक्टूबर 2019 को बरघाट स्थित गुरुकृपा होटल से चमचम एवं मिल्क केक, शिव होटल से नमकीन एवं पेड़ा, असाडू लाल नमकीन भंडार से नमकीन चना दाल, छपारा स्थित जैन होटल से रसगुल्ला एवं टोस्ट
वही दिनांक 21 अक्टूबर 2019 को केवलारी स्थित जोधपुर मिष्ठान भंडार से पनीर एवं नमकीन, दादाजी रेस्टोरेंट्स बर्फी एवं चिरौंजी बर्फी, पलारी चौराहा स्थित याशिका होटल से नमकीन एवं बर्फी,
वही दिनांक 22 अक्टूबर 2019 को घंसौर स्थित तृप्ति होटल से कलाकंद और नमकीन, जगदंबा स्वीट्स एवं नमकीन से नमकीन एवं बेसन, जोधपुर मिष्ठान भंडार से बर्फी, नर्मदा होटल से कुंदा और पेड़ा,
और दिनांक 23 अक्टूबर 2019 को बरघाट स्थित गुजरात स्वीट से सोन पपड़ी एवं नमकीन, संदीप होटल आष्टा से नमकीन एवं पेड़ा, सूर्यवंशी होटल आष्टा से बर्फी एवं मैदा
जिसके बाद दिनांक 24 अक्टूबर 2019 को महावीर खोवा भंडार सिवनी से मलाई पेड़ा, walk-in स्टोर सिवनी से नमकीन के 2 नमूने डायमंड होटल कान्हीवाड़ा से पेड़ा
एवं आज दिनांक 25 अक्टूबर 2019 को बीकानेर रेस्टोरेंट छपारा से रसगुल्ला एवं नमकीन, वैशाली राजपुरोहित छपारा से सोन केक, पाखी स्वीट्स एंड नमकीन शिवनी से दूध बर्फी एवं पेड़ा तथा अडकू लाल मिष्ठान भंडार सिवनी से कुंदे के पेड़े एवं पेड़ा का नमूना लिया गया है।
लिए गए नमूनों को जांच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की ओर भेजा गया है, प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट प्राप्ति उपरांत अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी ।
खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत अब तक खाद्य पदार्थों के कुल 317 नमूने लिए गए हैं जिनमें से 49 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है उक्त जांच रिपोर्ट में से 17 नमूने अमानक पाए गए हैं जिनमें अभियोजन की कार्रवाई की जा रही है ।
साथ ही उक्त अवधि में कुल 20 प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं । उक्त अवधि में कुल 25 प्रकरण माननीय न्यायालय द्वारा निर्णित किए गए हैं जिनमें कुल ₹700000 का अर्थदंड लगाया गया है।