रिश्वत लेने वाली महिला पशु चिकित्सक को 4 वर्ष की सजा

Female veterinarian sentenced to 4 years in jail
सिवनी- भष्ट्राचार का यह अमानवीय चेहरा जिस गाय को गौ माता के रूप से पूजा जाता है उसकी मृत्यु पर भी लोग भष्ट्राचार करने में परहेज नही करते । ऐसा ही यह मामला जिले के कान्हीवाड़ा के पशु चिकित्सालय में पदस्थ महिला पशु चिकित्सक अमृता पटेल को जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश- श्रीमान संजीव श्रीवास्तव (भष्ट्राचार निवारण अधिनियम) सिवनी के न्यायालय द्वारा सश्रम कारावास की सजा सुनाकर जेल भेजे जाने का आदेश दिया है । मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम द्वारा बताया की प्रार्थी सुरेंद्र कुमार शुकला मण्डला रोड ,ग्राम डुंगरिया थाना कान्हीवाड़ा जिला सिवनी निवासी के खेत मे दिनांक 25-05-14 को लगभग 3 से 3:30 बजे के बीच आकाशीय बिजली गिरने से खेत मे चर रहे मवेशियों में से दो गायो की मुत्यु हो गयी थी, जिसकी सूचना उसके द्वारा थाना कान्हीवाड़ा में दी थी जिस पर उसकी दोंनो गायो का पोस्टमार्टम किये जाने का प्रतिवेदन पशु चिकित्सालय कान्हीवाड़ा में दिया था।
जिस पर चिकित्सालय में पदस्थ पशु चिकित्सक डॉ0 अमृता पटेल के द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई थी । गायो की उक्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के एवज में डॉ0 अमृता पटेल द्वारा प्राथी सुरेंद्र से 1000 ₹ रुपये रिश्वत की मांग की गई थी । जिस प्राथी के द्वारा लोकायुक्त पुलिस जबलपुर में शिकायत की गई थी जिस पर अपराध कायम कर अग्रिम कारवाही की गई जिसमें ट्रेप दल का गठन हुआ जिसमे पंच साक्षियों के समक्ष कार्यवाही करते हुए , दिनांक 02-06-2014 को प्राथी के द्वारा कान्हीवाड़ा पशु चिकित्सालय में डा0 अमृता पटेल को 1000 रुपये लिए जाने पर उसे रंगे हाथ पकड़ा था , उसके हाथ धुलवाए गए थे जिस पर उसके हाथ गुलाबी रंग के हो गए थे , और रिश्वत 1000 रुपये की रकम को भी जब्ती कार्यवाही कर उसके विरूद्ध धारा- 7 , एवं धारा -13(1)(डी) , धारा- 13(2) भष्ट्राचार अधिनियम 1988 के तहत मामला कायम कर विवेचना पूर्ण पश्चात न्यायालय में चालान पेश किया था। जिस पर न्यायालय में विचारण किया गया जिसमें शासन की ओर से श्रीमती- दीपा मर्सकोले ‘जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा न्यायालय में प्राथी और गवाहों की साक्ष्य एवं तर्क प्रस्तुत किये ।
जिसको प्रमाणित पाते हुये माननीय न्यायालय ने आरोपिया डॉक्टर अमृता पटेल , को धारा-07 मांग किये जाने के लिए 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रुपये जुर्माना , तथा धारा -13(1) (डी) सह पठित धारा-13(2) – रिश्वत लेने के लिए 4 वर्ष सश्रम कारवास से दण्डित किये जाने और जुर्माना न चुकाने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास का दिनांक 29-09-18 को निर्णय सुनाया है ।