दहेज का दानव होता दिख रहा हावी

By SHUBHAM SHARMA

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हर साल लगभग सौ मामले आ रहे दहेज के

सिवनी । जन जागृति के अभाव में विवाह में दहेज लेने की प्रथा अभी भी कायम दिख रही है। हर साल लगभग एक सैकड़ा मामले दहेज प्रताड़ना के सामने आ रहे हैं। दहेज के लालच में नव विवाहितों के बसे बसाये घर उजड़ रहे हैं। इसके अलावा घरों में वाद विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है।

बीते चार सालों में दहेज प्रताड़ना के चार सौ से भी ज्यादा मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इस लिहाज से अगर देखा जाये तो हर साल एक सैकड़ा मामले दहेज प्रताड़ना के आते हैं।

2016 में आये थे 152 मामले : जिले के सभी पुलिस थानों व चौकियों में साल 2016 से 2019 के बीच लगभग 401 दहेज प्रकरण दर्ज किये गये हैं। साल 2016 में सबसे ज्यादा 152 प्रकरण दर्ज किये गये थे। अगले साल 2017 में 123 प्रकरण, 2018 में 93 और 2019 में मई माह तक 33 दहेज प्रकरण अलग – अलग थानों में दर्ज किये गये हैं। इनमें लगभग दो दर्जन मामले ऐसे हैं जिनमें पीड़ित पक्ष ने ससुराल पर दहेज के लिये नव विवाहिता की हत्या का मामला दर्ज कराया है।

झूठे मामलों से बिखराव : जाँच में दहेज प्रताड़ना के कई झूठे मामले भी पाये गये हैं। ससुराल पक्ष पर दबाव बनाने के लिये कई बार आक्रोश में आकर महिलाएं दहेज प्रकरण का मामला बनवा देती हैं। महिला व पुलिस परामर्श केंद्र में ऐसे मामलों को सुलझाकर बिखरे परिवारों को आपस में मिलाने की कोशिश लगातार की जा रही है। कोर्ट से समझौता के बाद भी कई परिवार एक हो चुके हैं। जबकि कई ऐसे परिवार हैं जिसमें पत्नि अपने बच्चों के साथ अलग रह रही हैं और पति अलग रह रहा है। इस बिखराव में बच्चों का भविष्य भी दो नाव की तरह सफर कर रहा है।

जागरूकता की आवश्यकता : दरअसल दहेज लेने – देने को अपराध की श्रेणी में लाये जाने के बाद भी जन जागृति के अभाव में दहेज का दानव हावी होता दिख रहा है। दहेज को लेकर शासन, प्रशासन सख्त है। इसके बाद भी दहेज से संबंधित मामले आने से यही प्रतीत होता है कि दहेज प्रथा जैसी कुरीति आज भी समाज में साँसें ले रही है।

जिला प्रशासन को चाहिये कि गैर राजनैतिक संगठनों (एनजीओ) के जरिये दहेज की प्रथा को समाप्त करने के लिये उसके द्वारा जन जागृति अभियान चलाया जाना चाहिये, ताकि इस कुप्रथा को समाज से उखाड़कर फेंका जा सके।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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