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अमावस्या की सुबह करें झाड़ू से ये उपाय, पितृ करेंगे मालामाल

By: SHUBHAM SHARMA

On: Wednesday, June 13, 2018 12:19 AM

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मंगलवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या पड़ रही है। मंगलवार को होने की वजह से ये भौमवती अमावस्या भी कहलाई जाती है। इस दिन पितृ दोष कम करने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। अगर किसी की कुंडली में शनि की साढ़े साती है तो इस दिन उपाय करने से उसका प्रभाव भी खत्म हो जाता है।

क्या करें

सुबह-सुबह जल्दी स्नान करिए, तांबे के लोटे में जल ले लें इसमें चावल और फूल डालकर

ॐ सर्वेभ्यो पितृरेभ्यो नमो नम: इस मंत्र को बोलते हुए सूर्य को जल अर्पण करें हो सके तो इस दिन गंगा में स्नान करिए।

अगर घर में स्नान कर रहे हैं तो थोड़े से तिल और आंवले को पीसकर अपने शरीर पर लगाने के बाद स्नान करिए।

इस दिन शिवलिंग की पूजा जरूर करनी चाहिए।

शिवलिंग पर जल,दूध और काले तिल जरूर अपर्ण करें इसके अलावा मछलियों को दाना डालें, चीटियों को दाना डालें और भगवान हनुमान के मंदिर में जाकर चमेली के तेल में दीपक जलाकर अपर्ण करें और 11 या 111 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को मिठाई का भोग लगाएं।

उपाय

धन प्राप्ति के लिए – अनाज और एक झाड़ू का दान अवश्य करें। जिसको भी आप झाड़ू का दान करेंगे उसे भोजन जरूर करवाएं। जिन लोगों के पास पैसा नहीं टिक रहा हो या फिर धन की समस्या लगातार बनी हो उन्हें इस दिन घर में उपस्थित कोई भी पुरानी झाड़ू को पूजन करने के बाद पीपल या बर्गद के पेड़ के नीचे रख दें। इस उपाय के बाद घर से दरिद्रता हमेशा के लिए गायब हो जाती है।

पितृ ऋण से मुक्ति- इस दिन पिंड दान करें इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। सूर्य को अर्ग देते हुए दक्षिणमुखी होकर एक तांबे के लोटे में जल लेकर अपने पितरों के नाम का जल चढ़ाना चाहिए ।

ऋण से डूबे लोगों के लिए उपाय– जो लोग कर्ज में डूबे हैं उन्हें इस दिन राम भक्त हनुमान की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन ऋण मोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करें। यदि खुद नहीं कर पाएं तो पंडित जी से भी करवा सकते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण के साथ-साथ सूर्य,अग्नि और वायु देवता प्रसन्न होते हैं और सुखी रहने का आर्शीवाद देते हैं।

रोगों के लिए- गुड़ और आटे का दान करना चाहिए। साथ ही ॐ पितृरेभ्यो नम: का पाठ करना चाहिए।

शनि के प्रकोप से मुक्ति – यदि आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती या किसी भी प्रकार की कुदृष्टि हो तो आपको इस दिन घोड़े की नाल की अंगूठी मध्यमा अंगुली में धारण करें। याद रहे कि अंगूठी पूरी गोल नहीं होनी चाहिए इसमें बीच में एक कट जरूर हो। महिलाएं इसे बायें हाथ में और पुरुष दायें हाथ में पहनें और ॐ शं शनैश्चराय नम: का 11 बार जाप करें।

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