सिवनी नगर पालिका में बढ़ता भ्रष्टाचार: सिवनी नगर पालिका के अध्यक्ष शफीक खान और उनकी अध्यक्षीय परिषद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। प्रारंभिक कार्यकाल से ही इन पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगा है। उच्च स्तरीय जांच में इन आरोपों की पुष्टि होने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही। वर्तमान में, अध्यक्ष शफीक खान भोपाल में इन आरोपों का जवाब देने के लिए पहुंचे हैं।
विवेकानंद वार्ड के पार्षद राजेश राजू यादव का आरोप
विवेकानंद वार्ड के पार्षद राजेश राजू यादव ने एक और घोटाले का पर्दाफाश करते हुए जिला कलेक्टर से शिकायत की है। शिकायत के अनुसार, डॉग नसबंदी के नाम पर लाखों रुपये के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है।
डॉग नसबंदी योजना में फर्जीवाड़ा
पार्षद यादव के अनुसार, नगर पालिका ने कुत्तों की नसबंदी और एन्टी-रेबीज टीकाकरण के लिए एनिमल केयर सेंटर दुर्ग को ठेका दिया था। इस ठेके में प्रति कुत्ते पर 1140 रुपये की दर से भुगतान तय किया गया।
भुगतान का विवरण
- 03/10/2024: 339,264 रुपये का प्रथम भुगतान।
- 28/10/2024: दूसरा भुगतान।
- 30/12/2024: 424,536 रुपये का अंतिम भुगतान।
जांच के दौरान पाया गया कि इन भुगतानों के लिए प्रस्तुत पंचनामा में पार्षदों के हस्ताक्षर नहीं थे। इससे पहले भी फर्जी पंचनामा बनाकर भुगतान किए जाने की आशंका जताई गई है।
पिछले रिकॉर्ड की जांच की मांग
कंपनी के अनुसार, कुल 1003 कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया गया, लेकिन जांच में यह संख्या संदिग्ध पाई गई। पार्षद यादव ने स्पष्ट किया कि पिछले सभी बिल भी फर्जी हो सकते हैं।
शिकायत की प्रमुख मांगे
पार्षद यादव ने जिला कलेक्टर से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- अंतिम भुगतान को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
- पूरे प्रकरण की पुनः जांच कराई जाए।
- दोषी अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
नगर पालिका की छवि पर असर
सिवनी नगर पालिका के इस घोटाले ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे शफीक खान की अध्यक्षीय परिषद पर अब जनता का विश्वास कम होता दिख रहा है।
भोपाल में जवाबदेही
शफीक खान पर लगे इन गंभीर आरोपों के चलते उनकी भोपाल यात्रा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या वे इन आरोपों का संतोषजनक उत्तर दे पाएंगे, या फिर यह मामला और गहराएगा?
सिवनी नगर पालिका में हो रहे इन घोटालों ने न केवल स्थानीय प्रशासन की छवि को धूमिल किया है, बल्कि जनता के विश्वास को भी चोट पहुंचाई है। यह आवश्यक है कि पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए इन मामलों की निष्पक्ष जांच हो।