तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के सत्तूर इलाके में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। इस हादसे में कम से कम छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए। घटना शनिवार को हुई, जब कर्मचारी फैक्ट्री में पटाखे बनाने का काम कर रहे थे।
विस्फोट इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री के एक बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट के तुरंत बाद आग ने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। दमकल विभाग की टीम को सूचना मिलते ही मौके पर भेजा गया और आग पर काबू पाया गया।
मृतकों और घायलों की स्थिति
पुलिस के मुताबिक, इस हादसे में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। घायल कर्मचारियों में से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
विस्फोट का संभावित कारण
फैक्ट्री में हुए विस्फोट का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अत्यधिक बारूद का भंडारण इस हादसे की वजह हो सकता है। पुलिस और फोरेंसिक टीम मामले की गहराई से जांच कर रही है।
तमिलनाडु में पटाखा फैक्ट्री हादसों का इतिहास
तमिलनाडु, खासकर विरुधुनगर जिला, पटाखा निर्माण का एक प्रमुख केंद्र है। यहां हर साल दिवाली और अन्य त्योहारों के लिए बड़ी मात्रा में पटाखों का उत्पादन किया जाता है। हालांकि, यहां कई बार सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण इस तरह के हादसे सामने आते हैं।
पिछले हादसों पर नजर
- वर्ष 2021: एक बड़े विस्फोट में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
- वर्ष 2018: विरुधुनगर के ही एक अन्य इलाके में हुए विस्फोट में 10 मजदूरों की जान चली गई।
- वर्ष 2016: पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 8 मजदूर मारे गए थे।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने हादसे पर शोक व्यक्त किया और अधिकारियों को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया।
सुरक्षा मानकों की कमी
पटाखा फैक्ट्रियों में हादसों का मुख्य कारण सुरक्षा मानकों की अनदेखी है। इन फैक्ट्रियों में अक्सर श्रमिकों को बिना किसी सुरक्षात्मक गियर के खतरनाक परिस्थितियों में काम करना पड़ता है।
जरूरी सुधार
- सख्त सुरक्षा नियमों का पालन: फैक्ट्रियों को सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य बनाया जाए।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: कर्मचारियों को आग और विस्फोट से बचाव के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।
- फैक्ट्रियों का नियमित निरीक्षण: प्रशासन को समय-समय पर फैक्ट्रियों की जांच करनी चाहिए।
आंध्र प्रदेश में भी हुआ हादसा
तमिलनाडु के इस हादसे के कुछ ही दिन पहले, आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित अग्रवाल स्टील प्लांट में विस्फोट हुआ। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने प्लांट से आग का बड़ा गोला निकलते हुए देखा, जिसके बाद कई छोटे विस्फोट हुए।
पटाखा उद्योग में सुधार की जरूरत
भारत में पटाखा उद्योग लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी से यह उद्योग मजदूरों के लिए जानलेवा बन गया है।
सरकार की भूमिका
- कानूनों का सख्ती से पालन: सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी फैक्ट्रियां लाइसेंस प्राप्त करें और सुरक्षा मानकों का पालन करें।
- सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता: श्रमिकों के लिए हेलमेट, दस्ताने और अन्य सुरक्षा उपकरणों का उपयोग अनिवार्य किया जाए।
- हादसों की रोकथाम के उपाय: विस्फोटक पदार्थों के भंडारण और उपयोग के लिए विशेष नियम बनाए जाएं।
पटाखा फैक्ट्रियों में लगातार हो रहे हादसे श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करते हैं। इन घटनाओं से सबक लेते हुए, सरकार और प्रशासन को सुरक्षा उपायों को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।