भोपाल/सिवनी/बालाघाट: जब प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान बालाघाट प्रवास पर थे, उस समय पुलिस लाइन पर तैयार हुए हैलिपेड पर सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए भरवेली के संजय चौकसे और राखी चौकसे अपनी 09 महीने की मासूम बच्ची को लेकर पहुंचे थे।
संजय और राखी अपनी मासूम बच्ची हिती के इलाज में आ रही समस्या के लिए मदद की गुहार लगाने सीएम शिवराज के पास आए थे, जिसके बाद वहां मौजूद मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने संजय और राखी को मासूम बच्ची के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिलाया और उनकी समस्या से अवगत कराया।
बच्ची हिती जान से जंग लड़ रही है उसकी जान बचाने के लिए आयोग अध्यक्ष बिसेन द्वारा स्वयं 10 लाख रुपए, सिवनी विधायक मुनमुन राय मुनमुन द्वारा 10 लाख रुपए, बालाघाट जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग द्वारा 05 लाख रुपए, आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर नानो कावरे द्वारा 5 लाख रुपए एवं गौरव पारधी द्वारा 05 लाख रुपए देने की सहमति प्रदान की है।
9 महीने की मासूम “बिलारिस ओटेसिया” से है पीड़ित
अपनी जिन्दगी से जंग लड़ रही मासूम हिती सिर्फ 9 महीने की है, हिती चौकसे की बीमारी की बात करें तो उसे लीवर सम्बंधिर बीमारी बिलारिस ओटेसिया है, इस बीमारी की वजह से मासूम का लीवर लीवर खराब हो चूका है। मासूम का जीवन बचाने के लिए अब सिर्फ एक ही रास्ता बचा है जो लीवर ट्रांसप्लांट है.
संजय चौकसे अपनी मासूम बच्ची के इलाज के लिए रायपुर के एम्स में ले गए थे, जहां जांच के उपरान्त उन्हें इस बीमारी की जानकारी लगी थी, मासूम बच्ची के इलाज के लिए एम्स में लीवर ट्रांसप्लांट कराना होगा जिसमे 30 लाख रुपए का खर्चा आना बताया गया है .
हालाँकि लीवर की बात करें तो सिर्फ लीवर प्राप्त करने में ही लगभग 50 लाख रुपए से भी अधिक की राशि लग सकती है, मासूम बेहद गरीब परिवार से आती है परिवार खुद मजदूरी कर परिवार का भरन पोषण करता है, जिसकी वजह से परिवार इतनी बड़ी राशि जुटाने में सक्षम नहीं है.
सीएम शिवराज ने दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मासूम हिती की स्थिति से अवगत होने के तुरंत बाद ही उसके माता-पिता को आश्वस्त किया कि मासूम हिती के उपचार के लिए मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह मदद करेंगी और रुपए की कमी नहीं होने देगी। नन्ही बालिका की जीवन रक्षा के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेंगें। उन्होंने मौके पर ही कलेक्टर को बुलाकर बालिका की मदद के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए।