सिवनी: उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग सिवनी ने जानकारी देकर बताया कि जिले में पशुओं में एंथ्रेक्स रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण को लेकर पशुपालन विभाग ने सतर्कता बरतने की सलाह जारी की है।
विभाग के अनुसार एंथ्रेक्स एक घातक जीवाणुजनित रोग है, जो बैसिलस एंथेसीस नामक बैक्टीरिया से उत्पन्न होता है और मुख्य रूप से गाय, भैंस, भेड़ एवं बकरी जैसे शाकाहारी पशुओं को प्रभावित करता है। कई मामलों में यह बीमारी पशुओं की अचानक मृत्यु का कारण बन जाती है।
उन्होंने बताया कि एंथ्रेक्स से ग्रसित पशुओं में मुंह, नाक एवं गुदा से रक्तस्राव, शव का अत्यधिक फूलना तथा प्लीहा का बढ़ जाना प्रमुख लक्षण हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्वस्थ दिखने वाले पशुओं की भी अचानक मृत्यु इस रोग का संकेत हो सकती है।
रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को सलाह दी है कि एंथ्रेक्स नियंत्रण हेतु पशुओं का वार्षिक निवारक टीकाकरण अवश्य कराएँ। मृत पशुओं के शव का सुरक्षित तरीके से निपटान करें ताकि संक्रमण फैलने की आशंका न रहे। संदेहास्पद मामलों में तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करने की आवश्यकता बताई गई है।
साथ ही संक्रमित या संदिग्ध पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखने (संगरोध) की भी सलाह दी गई है। प्रशासन ने पशुपालकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर बिना देरी पशु चिकित्सा सुविधा केंद्र से संपर्क करें, जिससे समय पर उपचार संभव हो सके और बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।

