Makar Sankranti 2021: जानिए क्या होगा मकर संक्रांति पर इस बार खास, चार साल बाद बदलेगा इतिहास

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न्यू दिल्ली / धर्मं : मकर संक्रांति जो पिछले चार सालों से 15 जनवरी को मनाई जा रही है अब लेकिन मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को मनेगी। पंडित जोखन पांडेय शास्त्री केअनुसार 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 37 मिनट पर सूर्य का प्रवेश अपने पुत्र शनि के मकर राशि में हो रहा है। धर्मशास्त्र के अनुसार यदि दिन में सूर्य का संक्रमण होता है तो संक्रांति का पुण्यकाल उसी दिन रहता है। वहीं इस वर्ष श्रवण नक्षत्र में मकर संक्रांति हो रही है। इससे महंगाई पर नियंत्रण करने के प्रयास तेज होंगे।

सूर्य साधना का दिन है मकर संक्रांति

पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार मकर संक्रांति भगवान सूर्य का प्रिय पर्व है। इस दिन सुर्य की साधना से त्रिदेवों की साधना का फल प्राप्त होता है। ज्ञान-विज्ञान, विद्वता, यश, सम्मान, आर्थिक समृद्धि सूर्य से ही प्राप्त होती है। सूर्य इस ग्रह मंडल के स्वामी हैं। ऐसे में सूर्योपासना से समस्त ग्रहों का कुप्रभाव समाप्त होने लगता है।

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पंडित शरद ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य का मंत्र- ‘ऊं घृणि: सूर्यार्घ्य नम:’ का जप या ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’ का जप करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन स्नान कर कलश या तांबे के लोटे में पवित्र जल भरकर उसमें चंदन, अक्षत और लाल फूल छोड़कर दोनों हाथों को ऊंचा उठाकर पूर्वाभिमुख होकर भगवान सूर्य को ‘एही सूर्य सहस्त्रांसो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहाणार्घ्यं  दिवाकर।’ मंत्र से जलार्पण करना चाहिए। इस दिन सूर्य से संबंधित स्तोत्र, कवच, सहस्त्र नाम, द्वादश नाम, सूर्य चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए।

मकर संक्रांति का क्या महत्व

ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार सूर्य प्रत्येक मास में एक राशि पर भ्रमण करते हुए 12 माह में सभी 12 राशियों का भ्रमण कर लेते हैं। फलत: प्रत्येक माह की एक संक्रांति होती है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इसका महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। उत्तरायण काल को ही प्राचीन ऋषियों ने साधनाओं का सिद्धिकाल व पुण्यकाल माना है।

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मकर संक्रांति सूर्योपासना का महापर्व

ज्योतिर्विद नरेंद्र उपाध्या ने बताया कि मकर संक्रांति सूर्योपासना का महापर्व है। मकर से मिथुन तक की छह राशियों में छह महीने तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तथा कर्क से धनु तक की छह राशियों में छह महीने तक सूर्य दक्षिणायन रहते हैं। कर्क से मकर की ओर सूर्य का जाना दक्षिणायन तथा मकर से कर्क की ओर जाना उत्तरायण कहलाता है। सनातन धर्म के अनुसार उत्तरायण के छह महीनों को देवताओं का एक दिन और दक्षिणायन के छह महीनों को देवताओं की एक रात्रि मानी जाती है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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