One State One Election In Rajasthan: राजस्थान में ‘एक राज्य, एक चुनाव’ नीति के तहत एक साथ नगर निगम चुनाव कराए जाएंगे

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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One State One Election In Rajasthan: राजस्थान में 'एक राज्य, एक चुनाव' नीति के तहत एक साथ नगर निगम चुनाव कराए जाएंगे

One State One Election In Rajasthan: राजस्थान में ‘एक राज्य, एक चुनाव’ नीति के तहत इस वर्ष नवंबर तक सभी नगर निकायों के चुनाव संपन्न कराने की योजना बनाई गई है। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को विधानसभा में इस संबंध में जानकारी दी। राज्य सरकार इस नीति को अपनाकर विकास कार्यों में आने वाली बाधाओं को समाप्त करने का प्रयास कर रही है।

‘एक राज्य, एक चुनाव’ नीति का उद्देश्य और महत्व

राजस्थान में नगर निकायों के चुनाव आठ चरणों में कराए जाते रहे हैं। इससे बार-बार आचार संहिता लागू होती है, जिससे विकास कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सरकार का मानना है कि यदि सभी नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो प्रशासनिक कामकाज में स्थिरता बनी रहेगी और विकास कार्यों में गति आएगी।

मुख्य उद्देश्य:

✔️ बार-बार आचार संहिता लागू होने से बचाव
✔️ विकास परियोजनाओं को सुचारू रूप से लागू करना
✔️ प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि
✔️ सरकारी संसाधनों की बचत
✔️ चुनावी खर्च में कटौती

राज्य में नगर निकाय चुनावों की वर्तमान स्थिति

राजस्थान में लगभग 300 नगर निकाय हैं, जिनका कार्यकाल अलग-अलग समय पर समाप्त होता है। पिछले चुनावों को आठ चरणों में कराया गया था, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न हुईं। वर्तमान में 56 नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन सरकार ने वहां चुनाव कराने के बजाय प्रशासक नियुक्त किए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सभी नगर निकायों के चुनाव ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ नीति के तहत एक साथ संपन्न कराए जा सकें।

नगरीय निकायों के परिसीमन और मतदाता सूची का अद्यतन

मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अनुसार, राज्य में नगर निकायों और पंचायतों का परिसीमन कार्य प्रगति पर है। परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतदाता सूची का अद्यतन किया जाएगा, ताकि चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया जा सके।

राज्य सरकार सभी कानूनी पहलुओं पर विशेषज्ञों से सलाह ले रही है और जल्द ही चुनाव की अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी।

ईवीएम की उपलब्धता और चुनाव की तैयारियां

राज्य में सभी नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराने के लिए ईवीएम (EVM) की आवश्यकता होगी। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि राजस्थान में पर्याप्त ईवीएम उपलब्ध हैं और यदि आवश्यकता पड़ी, तो पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त ईवीएम मंगवाए जाएंगे।

चुनाव आयोग और प्रशासन की तैयारी:

📌 ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की व्यवस्था
📌 मतदाता सूची का पुनरीक्षण और अद्यतन
📌 परिसीमन प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करना
📌 चुनाव आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना

‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ नीति से होने वाले लाभ

यदि राजस्थान में ‘एक राज्य, एक चुनाव’ नीति सफलतापूर्वक लागू हो जाती है, तो इसके अनेक लाभ होंगे:

राजनीतिक स्थिरता और प्रशासनिक सुगमता

एक साथ चुनाव कराए जाने से प्रशासनिक कार्यों में व्यवधान नहीं आएगा और सरकार नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी।

विकास कार्यों में गति

बार-बार आचार संहिता लागू होने से सरकारी योजनाओं और विकास परियोजनाओं पर रोक लग जाती है। यदि चुनाव एक साथ हों, तो परियोजनाओं को बाधा मुक्त तरीके से लागू किया जा सकेगा।

चुनावी खर्च में कमी

अलग-अलग चरणों में चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त भार पड़ता है। लेकिन यदि सभी नगर निकायों के चुनाव एक साथ होते हैं, तो चुनावी खर्च में भारी कटौती संभव होगी।

प्रशासनिक संसाधनों की बचत

हर चुनाव में पुलिस बल, सरकारी कर्मचारियों और अन्य संसाधनों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। बार-बार चुनाव कराने से प्रशासनिक संसाधनों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, लेकिन एक साथ चुनाव होने से इस समस्या का समाधान हो सकता है।

‘एक राज्य, एक चुनाव’ नीति के संभावित प्रभाव

सरकार के इस निर्णय का राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पड़ेगा।

📌 राजनीतिक प्रभाव:

🔹 सभी नगर निकायों का कार्यकाल एक समान होगा।
🔹 विभिन्न दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने में आसानी होगी।
🔹 मतदाताओं को बार-बार मतदान करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

📌 आर्थिक प्रभाव:

🔹 चुनावी प्रक्रिया में खर्च होने वाले सरकारी धन की बचत होगी।
🔹 प्रशासनिक संसाधनों का प्रभावी उपयोग होगा।
🔹 सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गति आएगी।

📌 सामाजिक प्रभाव:

🔹 नगर निकायों के विकास कार्यों में तेजी आएगी।
🔹 नागरिकों को बेहतर प्रशासन मिलेगा।
🔹 मतदाता सूची का अद्यतन होने से चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।

चुनाव आयोग और सरकार की भूमिका

चुनाव आयोग और राज्य सरकार इस नीति को लागू करने के लिए कानूनी और प्रशासनिक तैयारियों में जुटी हुई है। इसके तहत:

✔️ विधायी प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
✔️ चुनाव अधिसूचना जारी करने से पहले सभी प्रशासनिक तैयारियां सुनिश्चित की जाएंगी।
✔️ सभी राजनीतिक दलों से चर्चा कर सर्वसम्मति बनाई जाएगी।

राजस्थान में ‘एक राज्य, एक चुनाव’ नीति लागू करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। यदि यह सफलतापूर्वक लागू होती है, तो इससे प्रशासनिक कार्यों में स्थिरता आएगी, विकास परियोजनाओं में तेजी आएगी, और चुनावी खर्च में कटौती होगी।

राज्य सरकार और चुनाव आयोग इस योजना को लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं और आगामी नवंबर तक सभी नगर निकायों में चुनाव कराए जाने की संभावना है। इस कदम से राजनीतिक स्थिरता आएगी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक सुचारू होंगी।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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