मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पुण्य सलिला क्षिप्रा से श्री महाकाल महाराज जी के परिसर तक, अवंतिका नगरी के हर देवालय से गली-चौराहे तक उज्जैन रोशनी से दमक उठी है। आप सभी ने 11,71,878 दीप प्रज्ज्वलित कर न सिर्फ रिकॉर्ड बनाया, बल्कि पावन अवसर को इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिख दिया है। मन आनंदित है।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार देर शाम महाशिवरात्रि के अवसर पर उज्जैन में एक साथ 11.71 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने का विश्व रिकार्ड बनने के बाद उज्जैनवासियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री महाकाल जी ने विश्व के कल्याण के लिए समुद्र मंथन से निकला विष खुद ग्रहण कर लिया, जिसके प्रभाव से वह नीलकंठ कहलाए। हमें भी लोककल्याण के लिए त्याग में संकोच नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देवाधिदेव श्री महादेव जी तो भोलेनाथ हैं। श्रद्धा, प्रेम एवं समर्पण से स्मरण करें, तो प्रसन्न होकर कृपा की वर्षा करते हैं। आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। भगवान भोलेनाथ, महाकाल महाराज पूरे विश्व पर कृपा की वर्षा करें। सब सुखी हों, सब निरोग हों, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं आज सभी प्रदेशवासियों से निवेदन करना चाहता हूं कि बहू, बेटियों का सम्मान करें, उन्हें भी आगे बढ़ने दें। वो कैलाश पर रहते हैं, कैलाशवासी। वैसे तो उज्जैन में भी रहते हैं महाकाल महाराज, लेकिन सन्देश एक है कि पेड़ लगाओ, पर्वत जंगल बचाओ। मेरी अपील है कि मैं रोज एक पेड़ लगाता हूं, लेकिन आप साल में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं।
उन्होंने कहा- ” शुभम करोति कल्याणम, अरोग्यम धन संपदा, शत्रु-बुद्धि विनाशायः, दीपःज्योति नमोस्तुते।” मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, श्री महाकाल से प्रार्थना है कि हम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें। जैसे असंख्य दीपों से आज अवन्तिका नगरी प्रकाशमय है, उसी तरह सेवा, समर्पण, प्रेम से हम सभी का जीवन सार्थक बने, हम देश की सेवा करते रहें।