छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने शनिवार को छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा के हर्रई में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय थाना प्रभारी (TI) को मंच से ही कड़ी फटकार लगा दी, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
कमलनाथ ने मंच से पुलिस प्रशासन पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने थाना प्रभारी को संविधान की मर्यादा याद दिलाते हुए वर्दी की इज्जत करने की नसीहत दी। इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और यह मुद्दा अब प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन चुका है।
कमलनाथ का थाना प्रभारी पर कड़ा प्रहार
छिंदवाड़ा जिले के हर्रई कस्बे में आयोजित जनसभा के दौरान कमलनाथ ने कहा,
“जब मैं यहां आया तो लोगों ने बताया कि पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान कर रही है। पुलिस को अपनी वर्दी की इज्जत करनी चाहिए। टीआई कहां है? सुना है कि वह बेवजह परेशान करता है। मैं उसे चुनौती देता हूं कि अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो मैं उसे बता दूंगा कि हमारा भी समय आएगा। वह अपनी वर्दी संभालकर रखे।”
कमलनाथ के इस बयान के बाद सभा स्थल पर मौजूद हजारों लोगों ने तालियों से उनका समर्थन किया।
कमलनाथ का पुलिस प्रशासन पर आरोप
कमलनाथ ने अपने भाषण में मध्य प्रदेश पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन काम कर रहा है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अन्यायपूर्ण रवैया अपना रहा है।
उन्होंने कहा,
“अधिकारी और कर्मचारी जनता के कामों के लिए नियुक्त किए जाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार का ऐसा आलम है कि कर्मचारी और अधिकारी अब बीजेपी का बिल्ला लगाकर काम कर रहे हैं।”
कमलनाथ ने यह भी कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन संविधान के दायरे में निष्पक्ष रूप से कार्य करना अधिकारियों और कर्मचारियों का कर्तव्य है। उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर वे इसी तरह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को परेशान करते रहे, तो वे भी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
कमलनाथ ने दी कड़ी चेतावनी – “समय सबका आता है”
कमलनाथ ने पुलिस अधिकारियों को सीधे चेतावनी देते हुए कहा,
“अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता को बेवजह परेशान किया गया, तो हम किसी को नहीं छोड़ेंगे।”
उन्होंने अपने पुराने अंदाज में कहा,
“कमलनाथ की चक्की धीमी चलती है, लेकिन बारीक पीसती है। समय सबका आता है, हमारा भी आएगा।”
इस बयान के बाद हर्रई की सभा में मौजूद जनता ने ज़ोरदार समर्थन व्यक्त किया।
बीजेपी का पलटवार – “कमलनाथ की राजनीति का नया तरीका”
कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए इसे ड्रामा करार दिया। बीजेपी प्रवक्ताओं का कहना है कि कमलनाथ चुनावी माहौल में जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
बीजेपी नेता ने कहा,
“कमलनाथ ने अपने कार्यकाल में क्या किया, यह जनता जानती है। अब वे पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाकर राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं।”
छिंदवाड़ा में राजनीतिक माहौल गर्माया
कमलनाथ के इस बयान के बाद छिंदवाड़ा का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस के कार्यकर्ता जहां इसे जनता के हित में उठाई गई आवाज बता रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों ने सवाल उठाए हैं कि क्या कमलनाथ की यह धमकी लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ नहीं है?
क्या कहता है कानून?
संविधान के अनुसार, किसी भी पुलिस अधिकारी को राजनेता द्वारा सार्वजनिक मंच से धमकी देना अनुचित माना जा सकता है। पुलिस प्रशासन को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि वह बिना किसी राजनीतिक दबाव के जनता की सेवा कर सके।
क्या होगा इस मामले का अगला कदम?
कमलनाथ के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पुलिस प्रशासन इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया देता है या मामला यहीं समाप्त हो जाता है। कमलनाथ के इस बयान ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां कांग्रेस इसे जनता के हित में उठाया गया मुद्दा बता रही है, वहीं बीजेपी इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रही है। अब यह देखना होगा कि क्या इस बयान का आने वाले चुनावों पर कोई असर पड़ेगा, या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगा।