इंदौर। तिथियों और नक्षत्रों में अलग-अलग परिस्थितियों के चलते इस बार जन्माष्टमी पर्व शहर के मंदिरों में चार दिनों तक मनाया जाएगा। अलग-अलग मतों से संबंधित मंदिरों में गुरुवार से इस पर्व की शुरुआत हो गई है और ये आयोजन रविवार तक चलेंगे।
शुक्रवार को भी शहर के यशोदा मंदिर और गोवर्धननाथ मंदिर सहित अनेक मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा, जिसके लिए इन मंदिरों में विशेष साज-सज्जा की गई है।
यशोदा माता मंदिर में भगवान का फूलों से श्रृंगार होगा। इसके अलावा गोवर्धननाथ मंदिर, इस्कॉन सहित शहरभर में फूलों से श्रृंगार किया जाएगा।
माखन-मिश्री का भोग लगाएंगे। जन्माष्टमी पर्व के लिए कृष्ण मंदिरों को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है। भगवान के जन्म लेते ही रात 12 बजे जन्म आरती होगी और माखन-मिश्री व पंजीरी बांटी जाएगी। दर्शन के लिए मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लगेगी। गोपाल मंदिर में रात 12 बजे महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा।
भक्त भरेंगे यशोदा माता की गोद
यशोदा माता मंदिर खजूरी बाजार पर रंग बिरंगी विद्युत बल्बों से सजावट की गई है। पुजारी महेंद्र दीक्षित के अनुसार शुक्रवार रात 12 बजे महापूजा और जन्म आरती होगी। 20 अगस्त को नंद उत्सव, छप्पन भोग के दर्शन होंगे और शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान माता यशोदा की गोद भराई होगी।
इस्कॉन मंदिर में शाम 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम, रात 10.30 बजे अभिषेक एवं रात 12 बजे महाआरती होगी। मंदिर प्रमुख महामनदास महाराज ने बताया कि शनिवार को सुबह 11 बजे से नंदोत्सव मनाया जाएगा। गोवर्धननाथ मंदिर में सुबह ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक व श्रृंगार के बाद मध्यरात्रि को आरती होगी।
सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के गोपाल मंदिर में 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। मंदिर के प्रशासक गोपाल अजय धाकने का कहना है कि शुक्रवार को पूरे दिन मंदिर के पट खुले रहेंगे। शाम सात बजे अभिषेक श्रृंगार के लिए मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। इसके बाद रात 12 बजकर 10 मिनट पर पट खुलेंगे। तब भगवान की पूजा व आरती होगी।