सिवनी: अमर सिंह उईके: आदिवासी छात्रवृत्ति घोटाले का आरोपी. आदिवासी छात्र-छात्राओं के हक में डाका डालने वाला सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके की गिरफ्तारी ने समूचे प्रदेश में हलचल मचा दी है। छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल अमर सिंह, जो 5 महीने से फरार थे, आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गए हैं।
एफआईआर और फरारी: घटना का विस्तार
लोकायुक्त ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 21 फरवरी 2024 को सिटी कोतवाली डिंडोरी में सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उस समय वह सिवनी में कार्यरत थे। एफआईआर दर्ज होते ही अमर सिंह वहां से फरार हो गए थे।
पांच महीने की कड़ी मेहनत के बाद, डिंडोरी पुलिस ने आरोपी को भोपाल के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी अमर सिंह की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुई।
छात्रवृत्ति घोटाला: करोड़ों का हेरफेर
अमर सिंह ने सिवनी जिले में अपनी तैनाती के दौरान आदिवासी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये का गबन किया था। सन 2019 से 2021 के दौरान, उन्होंने 2 करोड़ 59 लाख से अधिक राशि का हड़प लिया था।
जांच और कार्रवाई: कलेक्टर का निर्देश
इस घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देश पर एक जिला स्तर की जांच टीम बनाई गई थी। घोटाले के उजागर होते ही लोकायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 21 फरवरी 2024 को एफआईआर दर्ज कराई और अमर सिंह को पकड़ने वाले के लिए 20000 रुपये का इनाम भी घोषित किया।
भोपाल में गिरफ्तारी: पुलिस की सफलता
आखिरकार, भोपाल के एक होटल में पुलिस ने अमर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ 21 फरवरी 2024 को लोकायुक्त की जांच के बाद सख्त निर्देश के तहत मामला दर्ज हुआ था।
सिवनी में कार्यकाल और घोटाला
अमर सिंह सिवनी जिले में लगभग सवा साल तक कार्यरत रहे थे और इस दौरान उन्होंने आदिवासी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के पैसों का गबन किया। उनके लालच के चलते, इन निर्दोष छात्रों का हक मारा गया।
लोकायुक्त की भूमिका और आगे की कार्रवाई
लोकायुक्त ने घोटाले का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निभाई और मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कराई। आरोपी अमर सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस ने शत-प्रतिशत प्रयास किए और अंततः उन्हें सफलता मिली।
आदिवासी छात्रों का हक: न्याय की ओर एक कदम
अमर सिंह की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। आदिवासी छात्रों के हक की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है और इस दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।