भोपाल: छतरपुर पुलिस द्वारा बुधवार को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर पथराव किए जाने के बाद एक आलीशान मकान को गिराए जाने से राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा की गई सख्त कार्रवाई पर देश भर से दो तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
पुलिस और जिला प्रशासन के संयुक्त अभियान के तहत गुरुवार को छतरपुर में पूर्व कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली के आवास पर बुलडोजर चलाया गया।
यह कार्रवाई मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर की गई, जिसके बाद पुलिस ने छतरपुर थाने पर पथराव करने के आरोप में मुख्य आरोपी शहजाद अली और 150 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
जानकारी के अनुसार, समुदाय विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर शहजाद अली भारी भीड़ के साथ ज्ञापन देने थाने पहुंचे थे। धीरे-धीरे यह कहासुनी में बदल गई। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
अल्पसंख्यकों के हितों की वकालत करने वाले संगठन इतने बड़े घर को गिराने का विरोध कर रहे हैं। वहीं हिंदू संगठनों में उत्साह है। आरएसएस ने इस पर खुशी जताई है। यादव ने कहा, “जो भी कानून तोड़ेगा, उसे सजा मिलेगी और सरकार असामाजिक तत्वों को कड़ी सजा देने के लिए तैयार है।”
भीम आर्मी के संस्थापक और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार खुद न्यायपालिका बन गई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह घर पर बुलडोजर चलाने की घटना पर संज्ञान ले और ऐसी कार्रवाई को रोके। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि बिना नोटिस के घर पर बुलडोजर चलाना गैरकानूनी है और उन्होंने इमारत ढहाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
मसूद ने लिखा, “कोई भी अपराध करने वाले व्यक्ति से निपटने के लिए कानून हैं।” राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी ने भी सरकार के घर को बुलडोजर से गिराने के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है। भाजपा संगठन ने सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में जानकारी दी गई है।