भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी, एक बार फिर शर्मसार हुई है। यहाँ के प्रतिष्ठित टीआईटी कॉलेज में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं के साथ नाम बदलकर दोस्ती करने, दुष्कर्म करने और वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल करने का एक घिनौना मामला सामने आया है। आरोपियों ने न केवल पहचान छुपाकर संबंध बनाए बल्कि उन्हें धर्मांतरण और शादी के लिए भी मजबूर किया।
आरोपियों की पहचान और घटनाक्रम की शुरुआत
इस पूरे घटनाक्रम में फरहान खान, साहिल खान और अली खान नामक युवकों की भूमिका सामने आई है। इन तीनों ने हिंदू नामों का इस्तेमाल कर छात्राओं से दोस्ती की और धीरे-धीरे उन्हें अपने जाल में फंसा लिया।
फरहान ने सबसे पहले बागसेवनिया क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिग छात्रा को अपने झूठे प्रेमजाल में फंसाया। पहली बार संबंध बनाने के बाद उसने गुप्त रूप से उसका वीडियो बना लिया और फिर इसी वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर अपनी मंशा को अंजाम देने लगा।
ब्लैकमेलिंग और साथी दरिंदों की एंट्री
वीडियो के दम पर फरहान ने पीड़िता की सहेलियों से भी दोस्ती करवाने का दबाव बनाया। इसके बाद साहिल खान और अली खान ने इन छात्राओं से पहली ही मुलाकात में शारीरिक संबंध बनाए और फिर ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो गया। आरोपियों ने लगातार वीडियो बनाकर धमकी दी और लड़कियों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से शोषण का शिकार बनाया।
घटनाओं के स्थान और पीड़िताओं के बयान
- फरहान खान ने बागसेवनिया के एक होटल में दुष्कर्म किया।
- साहिल खान ने जहांगीराबाद इलाके के एक कमरे में शोषण किया।
- अली खान ने अशोका गार्डन की एक होटल में जबरदस्ती की।
पीड़िताओं के अनुसार, तीनों युवक उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने और शादी के लिए बाध्य कर रहे थे। इंकार करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाती थी।
पुलिस की कार्रवाई और एफआईआर का विवरण
बागसेवनिया थाना पुलिस ने 18 अप्रैल को मामला दर्ज किया था, लेकिन मामले को छह दिनों तक दबाए रखा गया। 24 अप्रैल को यह मामला जब मीडिया के सामने आया, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और रेप, पॉक्सो एक्ट और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया।
- फरहान खान और साहिल खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
- अली खान की तलाश जारी है।
एसआईटी का गठन और विस्तृत जांच
भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए चार अधिकारियों की एसआईटी टीम गठित की है। इस टीम को सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है।
पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से कई अन्य छात्राओं के वीडियो मिले हैं, जिनमें उन्हें दुष्कर्म करते और आपत्तिजनक बातें करते हुए देखा गया है।
पीड़िताओं की संख्या और आरोपी-पीड़िता का रिश्ता
अब तक पुलिस को चार छात्राओं के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग की पुष्टि हो चुकी है। ये सभी छात्राएं बीएससी कर रही थीं, जबकि आरोपी एमबीए के छात्र थे।
इनका रिश्ता दो साल पुराना बताया जा रहा है। इस दौरान इन दरिंदों ने न केवल उनका विश्वास तोड़ा, बल्कि उन्हें मानसिक यातना, ब्लैकमेल और सामाजिक बदनामी का शिकार बनाया।
आरोपियों द्वारा पैसों की उगाही
इन छात्राओं से केवल दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग ही नहीं की गई, बल्कि हजारों रुपये भी ऐंठ लिए गए। हर वीडियो और धमकी के बदले में पैसों की मांग की जाती थी। यह पूरा मामला एक संगठित अपराध की ओर इशारा करता है, जिसमें लड़कियों को शिकार बनाकर उगाही की जाती थी।
मोबाइल में मिले अन्य साक्ष्य और संभावित पीड़िताएं
पुलिस के अनुसार, आरोपियों के मोबाइल से अन्य युवतियों के नंबर और चैटिंग भी मिली है। इससे यह आशंका है कि अभी कई और छात्राएं इस अपराध का शिकार हुई होंगी, जो डर या सामाजिक दबाव के चलते सामने नहीं आ पाई हैं।
धार्मिक एंगल और जबरन धर्मांतरण का दबाव
यह मामला केवल दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग तक सीमित नहीं है। पीड़िताओं ने बताया कि उनसे जबरदस्ती इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया गया। आरोपियों ने शादी के लिए मजबूर किया और मना करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी।
भोपाल पुलिस का अगला कदम
पुलिस का कहना है कि एसआईटी जल्द ही अन्य छात्राओं की भी तलाश करेगी। इस मामले में साइबर फॉरेंसिक, काउंसलिंग, डीएनए रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों के माध्यम से ठोस सबूत जुटाए जा रहे हैं।
समाज और अभिभावकों के लिए चेतावनी
इस तरह के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि युवतियों को सोशल मीडिया और अनजान लोगों से बातचीत में सावधानी बरतनी चाहिए। कॉलेज प्रबंधन और अभिभावकों को भी समय-समय पर बच्चों से संवाद करना आवश्यक है।