सिवनी: बरघाट में देश सेवा के लिये माता-पिता के साथ ग्रामीणों ने उत्साह के साथ दी सैनिक को विदाई

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सिवनी: बरघाट में देश सेवा के लिये माता-पिता के साथ ग्रामीणों ने उत्साह के साथ दी सैनिक को विदाई

सिवनी: भारतीय सेना में चयन होना हर युवा का सपना होता है, और जब यह सपना साकार होता है, तो न केवल परिवार, बल्कि पूरा गांव गर्व से झूम उठता है। संकेत राहंगडाले के भारतीय सेना में चयन होने पर उनके पिता कृष्णा राहंगडाले और चाचा शिवकुमार राहंगडाले ने जिस गर्व और उत्साह से विदाई समारोह का आयोजन किया, वह पूरे क्षेत्र के लिये प्रेरणा बन गया है।

संकेत राहंगडाले का भारतीय सेना में चयन – पूरे गांव के लिये गौरव का पल

संकेत राहंगडाले ने भारतीय सेना में अपना स्थान सुरक्षित कर, न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे धारनाकला गांव का नाम रोशन किया है। उनके इस शानदार उपलब्धि पर गांववासियों ने हर्षोल्लास के साथ विदाई समारोह का आयोजन किया। ग्रामीणों ने संकेत के साहस, समर्पण और देशभक्ति भावना की सराहना करते हुए उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।

पिता और चाचा ने नगर भोज का आयोजन कर बढ़ाया उत्साह

संकेत के भारतीय सेना में चयन के अवसर पर, उनके पिता कृष्णा राहंगडाले और चाचा शिवकुमार राहंगडाले ने विशेष नगर भोज का आयोजन किया। इस भोज में गांव के सभी सम्मानित नागरिक, महिलाएँ, युवा और बच्चे भारी संख्या में शामिल हुए। भोज के माध्यम से संकेत के परिवार ने सभी ग्रामीणों का धन्यवाद व्यक्त किया और इस ऐतिहासिक पल को सामूहिक रूप से मनाया गया।

भोज के दौरान ग्रामीणों ने देशभक्ति गीतों के साथ वातावरण को देश सेवा के रंग में रंग दिया। संपूर्ण गांव ने एकजुट होकर संकेत के भविष्य के लिये शुभकामनाएँ दीं।

देशभक्ति से गूंज उठा पूरा गांव

विदाई से पहले गांव में एक विशेष आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में ग्रामीणों और महिलाओं ने हिस्सा लिया। पूरे गांव में देशभक्ति के नारों की गूंज सुनाई दी। ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘जय हिन्द’ के नारों से वातावरण गूंज उठा।

संकेत के सम्मान में एक विशेष नगर भ्रमण भी आयोजित किया गया, जिसमें गांव के युवा, बुजुर्ग और महिलाएँ देशभक्ति के गीत गाते हुए, संकेत को शुभकामनाएँ देते हुए नगर के मुख्य मार्गों से गुजरे। यह दृश्य देखकर हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

छोटी दुकान से देश सेवा तक का प्रेरणादायक सफर

संकेत के पिता और चाचा धारनाकला में पान दुकान और चाय की छोटी सी दुकान संचालित करते हैं। आर्थिक संसाधनों की सीमितता के बावजूद, उन्होंने संकेत को अच्छी शिक्षा और मजबूत संस्कार प्रदान किये। सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हुए, उन्होंने हमेशा समाज सेवा को प्राथमिकता दी और आज उनका बेटा देश सेवा के लिये सेना में शामिल हो रहा है।

उनकी यह संघर्षपूर्ण यात्रा आज सभी ग्रामीणों के लिए एक उदाहरण बन गई है कि साधारण परिस्थितियों में भी असाधारण सफलता प्राप्त की जा सकती है।

संकेत राहंगडाले की विदाई का आयोजन – एक यादगार पल

विदाई समारोह में संकेत को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शुभकामनाएँ दी गईं। उनके माथे पर तिलक लगाया गया, फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया गया और ढोल-नगाड़ों के साथ उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सभी वर्गों के लोगों ने मिलकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

गांव के बुजुर्गों ने संकेत को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वह सेना में जाकर न केवल अपने गांव बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करेगा। ग्रामीण महिलाओं ने मंगल गीत गाए और संकेत के भविष्य के लिये प्रार्थनाएँ कीं।

संकेत के पिता और चाचा की खुशी का ठिकाना नहीं

पिता कृष्णा राहंगडाले और चाचा शिवकुमार राहंगडाले की खुशी का ठिकाना नहीं था। उनकी आंखों में गर्व और खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा कि संकेत का सपना पूरा करना उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। समाज सेवा और देश सेवा को सर्वोच्च मानते हुए, उन्होंने संकेत को हमेशा ईमानदारी, समर्पण और परिश्रम के रास्ते पर चलने के संस्कार दिये।

वे सभी युवा जो सपने देखते हैं, उनके लिये संकेत की यह उपलब्धि एक प्रेरणा है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

ग्रामीणों का संदेश – देश सेवा सर्वोपरि

संकेत की विदाई के अवसर पर गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने संदेश दिया कि देश सेवा सर्वोपरि है। युवा पीढ़ी को देश के प्रति समर्पित होना चाहिए। गांव के स्कूलों में भी संकेत के चयन को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे अन्य बच्चों में भी देशभक्ति और सेना में जाने की प्रेरणा उत्पन्न हो।

ग्रामीणों ने कहा कि संकेत ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची मेहनत और देश के प्रति प्रेम से हर सपना साकार किया जा सकता है। आज पूरा गांव गर्व से सिर ऊंचा किये हुए है।

संकेत राहंगडाले का भारतीय सेना में चयन और उनकी भावभीनी विदाई धारनाकला गांव के लिए एक स्वर्णिम क्षण बन गया है। यह आयोजन यह संदेश देता है कि संसाधनों की कमी कभी भी सपनों के मार्ग में बाधा नहीं बन सकती। यदि परिवार, समाज और स्वयं का संकल्प मजबूत हो, तो हर युवा देश सेवा के इस महान मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। संकेत की कहानी हर युवा के लिये प्रेरणास्त्रोत है और उनके परिवार का संघर्ष हमें सिखाता है कि छोटे-छोटे कदम भी बड़े सपनों की ओर ले जा सकते हैं।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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