Rashtriya Shikshak Puraskar: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 प्रदान किए। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सात शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान और शिक्षा क्षेत्र में अनोखी पहलों के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करता है।
शिक्षकों का चयन और योगदान
इस वर्ष जिन शिक्षकों को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ, उनमें से कुछ ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और सुधार लाने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा निम्नलिखित शिक्षकों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया:
1. सुनीता गोधा (मंदसौर, मध्य प्रदेश)
सुनीता गोधा जिला मंदसौर के शासकीय हाई स्कूल, खजूरिया सारंग में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने स्कूल में सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। गोधा ने कक्षा में उपस्थिति सुधारने के लिए छात्रों के लिए असाइनमेंट और अन्य गतिविधियाँ आयोजित कीं। उन्होंने नियमित पैरंट-टीचर मीटिंग (PTM) का आयोजन किया और व्यक्तिगत रूप से छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया। विशेष आवश्यकता वाले और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का नामांकन बढ़ाने के लिए उनके प्रयास भी सराहनीय रहे हैं।
2. माधव प्रसाद पटेल (दमोह, मध्य प्रदेश)
माधव प्रसाद पटेल जिला दमोह के शासकीय नवीन माध्यमिक शाला, लिधौरा में विज्ञान शिक्षक हैं। पटेल ने अपने विद्यालय में एक साइंस वॉल की स्थापना की, जहां छात्र विज्ञान से संबंधित अपनी जिज्ञासाएं प्रदर्शित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मोटरसाइकिल पर मोबाइल लाइब्रेरी की शुरुआत की, जिससे ग्रामीण समुदायों में छात्रों की पढ़ने की आदतों का विकास हुआ। लर्निंग बोर्ड और खेत पाठशाला के माध्यम से उन्होंने शिक्षा को कक्षा की सीमाओं से बाहर तक पहुँचाया है।
3. सुनीता गुप्ता (डिंडोरी, मध्य प्रदेश)
जवाहर नवोदय विद्यालय, डिंडोरी की गणित शिक्षिका सुनीता गुप्ता ने गणित को सरल और आकर्षक बनाने के लिए एनीमेटेड वीडियो और तकनीकी शिक्षण सामग्री का उपयोग किया है। उन्होंने दीक्षा (DIKSHA) और स्वयं (SWAYAM) जैसे ऑनलाइन पोर्टल्स के लिए भी शिक्षण सामग्री विकसित की है। उनके प्रयासों से छात्रों के लिए गणित जैसे कठिन विषयों को समझना आसान हुआ है।
उच्च शिक्षा क्षेत्र में सम्मानित शिक्षक
4. प्रो. नीलाभ तिवारी (भोपाल, मध्य प्रदेश)
राष्ट्रीय संस्कृत संस्था, भोपाल में शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. नीलाभ तिवारी को शिक्षा में उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया। पिछले 18 वर्षों से वे शिक्षण कार्य में सक्रिय हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने संस्कृत अध्ययन के क्षेत्र में 34 पुस्तकों का सम्पादन और 37 शोध पत्रों का लेखन किया है। इसके अतिरिक्त, भारतीय ज्ञान परंपरा और पाठ्यक्रम विकास में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।
5. प्रो. कपिल आहूजा (आईआईटी इंदौर)
आईआईटी इंदौर के प्रो. कपिल आहूजा को कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके अनूठे योगदान के लिए सम्मानित किया गया। अमेरिका में 14 वर्षों के शिक्षण अनुभव के साथ, उन्होंने आईआईटी इंदौर में पहला एमएस (MS) पाठ्यक्रम शुरू किया। इसके साथ ही उन्हें चार बार सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
कौशल विकास में अग्रणी योगदान
6. श्रीमती प्रेमलता रहंगडाले (भोपाल, मध्य प्रदेश)
श्रीमती प्रेमलता रहंगडाले, भोपाल के संभागीय आईटीआई की प्रशिक्षण अधिकारी हैं। उन्होंने दृष्टिबाधित छात्रों को कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिसटेन्ट ट्रेड में प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। उनके मार्गदर्शन में कई छात्रों ने प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे रेलवे और बैंक में करियर बनाया है।
7. श्री प्रशांत दीक्षित (भोपाल, मध्य प्रदेश)
श्री प्रशांत दीक्षित ने मैकेनिक डीजल ट्रेड के लिए ई-कंटेंट विकसित कर छात्रों की शिक्षा को सरल और सुलभ बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने संस्थान में ऑटोमोटिव लैब की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दीक्षित ने छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा देने में उत्कृष्टता प्राप्त की है।
समारोह में विशेष अतिथि
इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री जयंत चौधरी और शिक्षा राज्यमंत्री श्री सुकांता मजूमदार उपस्थित थे। सभी विजेता शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, रजत पदक और 50,000 रुपये की नकद राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर, शिक्षा क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने वाले इन शिक्षकों की सराहना की गई और अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित किया गया।
शिक्षक दिवस के अवसर पर दिए जाने वाले इस सम्मान ने शिक्षा जगत में एक नई मिसाल कायम की है, जो छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद और विकास को और भी सशक्त बनाता है।