भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस समय एक एक बूँद लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के लिए मारामारी चल रही है इसके बाद भी सरकारी स्तर पर 93 टन ऑक्सीजन का घोटाला (Oxygen Ghotala) सामने आया है वह भी सिर्फ 1 दिन में.
सीएम शिवराज सिंह चौहान (Cm Shivraj Singh Chouhan) ने मामले की जांच के निर्देश भी दे दिए है इसके साथ ही सिस्टम बनाने के लिए कहा है ताकि इस प्रकार की गड़बड़ी दोबारा ना हो।
MP सरकार ने 527 टन ऑक्सीजन भेजी, जिलों को 434 टन ही मिली
सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा बीते दिन 27 अप्रैल मंगलवार को बुलाई गई कोरोना की रिव्यू मीटिंग (MP CORONA REVIEW MEATING) में 83 टन ऑक्सीजन की गड़बड़ी सामने आई है। सरकारी रिकाॅर्ड के अनुसार 26 अप्रैल को सभी जिलों में 527 टन ऑक्सीजन सप्लाई की गई, लेकिन जिलों ने बताया कि उन्हें केवल 434 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (Liquid Medical Oxygen) प्राप्त हुई है। यानी 1 दिन में 93 टन ऑक्सीजन का घोटाला हो गया है।
मध्य परदेश में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की जिम्मेदारी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जिस तरह से काेरोना संक्रमण (Corona Virus) की रफ्तार है, उससे स्पष्ट है कि प्रदेश में ऑक्सीजन (Oxygen) की मांग तेजी से बढ़ेगी। सीरम शिवराज सिंह चौहान जहां-जहां से ऑक्सीजन मांग सकते थे, उन्होंने वहां से ऑक्सीजन मांग चुके हैं।
जिसके बाद अब सीएम शिवराज ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को अब और अधिक सप्लाई के लिए जिम्मेदारी दी है कि वह पता लगाएं ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भारत में कहां मिलेंगे और कितनी जल्दी डिलीवर हो सकते हैं।
एक दिन 17 जिलों का रिव्यू होगा
सीएम शिवराज ने कहा कि अब हर दिन सिर्फ 17 जिलों में कोरोना की स्थिति का रिव्यू किया जाएगा, ताकि हर जिले पर फोकस किया जा सके। प्रदेश के सभी 52 जिलों का रिव्यू तीन दिन में होगा।