मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना /1 एचपी से लेकर 7.5 एचपी के सोलर पम्प हेतु मिलेगा सहयोग
मध्यप्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत प्रदेश के 02 लाख कृषकों को सिंचाई हेतु सोलर पम्प स्थापना की योजना स्वीकृत की गई है। सोलर पम्प की स्थापना से कृषकों को ऐसे क्षेत्र जहाँ विद्युत ग्रिड की पहुँच नहीं है, वहाँ भी सिंचाई के साधन उपलब्ध हो सकेंगे मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना कृषकों को सिंचाई का स्थाई स्त्रोत प्रदत्त करने के साथ ही उन्हें आत्म निर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना में कृषकों को पहली बार 7.5 एच.पी. का पम्प भी अनुदान पर दिए जाने का भी प्रावधान रखा गया है, जिससे उस क्षेत्र के कृषकों को भी सोलर पम्प का लाभ मिल सकेगा, जहाँ बोर की गहराई अधिक है।
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत् आवेदन पोर्टल www.cmsolarpump.mp.gov.in के माध्यम से किये जायेगें एवं कृषक को पंजीयन के समय राशि रू. 5,000/- (रूपये पाँच हजार मात्र) जमा करने होंगे तथा शेष राशि सर्वे उपरांत कृषक की उपयोगिता व योग्य क्षमता के सोलर पम्प चयन करके देय करनी होगी। योजनांतर्गत 1 एच.पी. से लेकर 5 एच.पी. क्षमता के लिए डी.सी. पम्प उपलब्ध कराये जायेंगे तथापि, 7.5 एच.पी. क्षमता में ए.सी. एवं डी.सी दोनों प्रकार के पम्प प्रावधानित हैं।
सोलर पम्प के प्रकार एवं उसमें हितग्राही (कृषक) अंशदान राशि का विवरण
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अंतर्गत 1 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 19,000 रूपये, 2 एच.पी. डी.सी. सरफेस सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 23,000 रूपये, 2 एच.पी. डी.सी. सबमर्सिबल सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 25,000 रूपये, 3 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 36,000 रूपये, 5 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 72,000 रूपये तथा 7.5 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प एच.पी. ए.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 1,35,000 रूपये योजनांतर्गत नियत किया गया है।
इस योजना के तहत प्रदेश के समस्त कृषक पात्र होंगे, तथापि सोलर पम्प का लाभ इस शर्त पर दिया जाएगा कि कृषक की कृषि भूमि के उस खसरे/बटांकन पर भविष्य में विद्युत पम्प लगाए जाने पर उसको विद्युत प्रदाय पर कोई अनुदान देय नहीं होगा कृषक द्वारा यह स्वप्रमाणीकरण भी दिया जाएगा कि वर्तमान में कृषक के उस खसरे/खसरे बटांकन की भूमि पर विद्युत पम्प संचालित/संयोजित नहीं हैं तथापि, यदि सम्बन्धित कृषक उक्त विद्युत पम्प का कनेक्शन विच्छेद करवा लेता है अथवा उस पर प्राप्त अनुदान छोड़ देता है, तब उसे सोलर पम्प पर अनुदान दिया जा सकता है। योजना की अधिक जानकारी एवं लाभ प्राप्त करने के लिए जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।