भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में (MP Urban body Election) महापौर और अध्यक्ष अब चुने गए पार्षदों के द्वारा ही चुने जाएंगे, मध्बीयप्जेरदेश की शिवराज सरकार ने (BJP Government) ने यू-टर्न लेते हुए प्रत्यक्ष प्रणाली (Direct System) से चुनाव कराने वाला अध्यादेश (Ordinance) राजभवन से वापस ले लिया है।
अध्यादेश की वापसी के बाद अब मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होगा, कुछ दिनों पूर्व मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने घोषणा करते हुए कहा था कि प्रदेश में जनता के द्वारा ही महापौर और अध्यक्ष चुने जाएंगे।
भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि महापौर और अध्यक्ष शहर का प्रतिनिधित्व करते हैं, और इन्हें जनता से ही निर्वाचित होना चाहिए, प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में खरीद-फरोख्त की संभावनाएं खत्म हो जाती हैं और जनता निष्पक्षता के साथ अपना प्रतिनिधि चुन सकती है।
भूपेंद्र सिंह की इन बातो के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध मे संशोधन हेतु अध्यादेश राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया था। लेकिन बुधवार की शाम उस अध्यादेश को वापस बुला लिया गया।
MP नगरीय निकाय चुनाव में अब जनता नहीं पार्षद चुनेंगे अध्यक्ष/महापौर
शिवराज सरकार के अध्यादेश वापस लेने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगर निगमों ()Nagar Nigam के महापौर, नगर पालिका (Nagar Palika) और नगर पंचायत (Nagar Panchayat) के अध्यक्ष सीधे जनता के द्वारा नहीं बल्कि चुने गए पार्षदों के द्वारा चुने जाएंगे।
मध्यप्रदेश में अब तक नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्ष के चुनाव की प्रत्यक्ष प्रणाली की व्यवस्था थी जिसे समाप्त करते हुए कमलनाथ सरकार ने इनका चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने की व्यवस्था की थी। इस घोषणा का उस समय विपक्ष में रही भाजपा ने पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि हमारी सरकार आते ही हम इस व्यवस्था को समाप्त करेंगे और चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होंगे।
अब सरकार ने इस मामले में यू-टर्न लिया है और चुनाव कमलनाथ सरकार के द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार ही कराने का निर्णय लिया है।