भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहे धर्मांतरण मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार अब सख्ती बरत रही है। धर्मांतरण को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता कानून 2022 की अधिसूचना जारी कर दी है।
अब धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को 60 दिन पहले पहले जिला मजिस्ट्रेट को एच्छिक धर्म परिवर्तन करने का घोषणा पत्र देना होगा। यह पत्र राज्य सरकार के रिकॉर्ड में रहेगा।
राज्य सरकार ने मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के क्रियान्वयन के लिए मप्र धार्मिक स्वतंत्रता नियम 2022 जारी कर उन्हें पूरे प्रदेश में प्रभावशील कर दिया है।
नियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि कलेक्टर हर माह की दस तारीख तक उसके पास आने वाली मतांतरण (धर्म परिवर्तन) की सूचनाओं एवं उसमें दी गई स्वीकृति की जानकारी राज्य सरकार को भेजेंगे। इसके लिए व्यक्ति को घोषणापत्र भरना होगा। यदि कोई व्यक्ति या धर्माचार्य धर्म संपरिवर्तन का आयोजन करना चाहता है तो भी उसे 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को जानकारी देनी होगी।
यह सूचना व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर या रजिस्ट्रीकृत डाक से या इलेक्ट्रानिक माध्यम से दी जा सकेगी। वहीं जिला मजिस्ट्रेट धर्म परिवर्तन के इच्छुक व्यक्ति को सूचना और घोषणा पत्र प्राप्त होने की पावती देंगे। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट राज्य सरकार को पूरी रिपोर्ट भेजेंगे। धर्म परिवर्तन करने वालों घोषणा पत्र भी सरकार के पास होंगे। धर्म परिवर्तन करने वालों के रिकॉर्ड सरकार के पास होंगे।
राज्य सरकार ने पिछले साल मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 बनाया था, जिसके कियान्वयन के लिए अब नियम जारी किए गए हैं। धर्म परिवर्तन के आवेदन में लिखना होगा कि आवेदक स्वयं की इच्छा से बिना किसी बल, बिना उत्पीड़न, असम्यक असर या प्रलोभन के धर्म परिवर्तन करना चाहता है।
गौरतलब है कि प्रदेश में आएदिन हर जिले से धर्मांतरण की खबरें सामने आ रही हैं। प्रदेश में लगातार लोग बड़ी तादाद में अपना धर्म छोड़ दूसरे धर्म को अपना रहे हैं, जिसका आधिकारिक कोई भी रिकॉर्ड नहीं है।
इन सारी चीजों को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। कानून की धारा-10 धर्मांतरण करना चाह रहे नागरिक के लिए यह अनिवार्य करता है कि वह इस सिलसिले में एक पूर्व सूचना जिलाधिकारी को दे।
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