पशुपालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में यह वर्ष गौ-संरक्षण एवं संवर्धन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा द्वारा आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट 2024-25 गौ-संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में अभूतपूर्व सिद्ध होगा। इससे पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र का विकास होगा।
गौ-संरक्षण और संवर्धन के प्रमुख प्रावधान
बजट में पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में किए गए प्रमुख प्रावधानों में गहन पशु विकास परियोजना के लिए 895 करोड़ रुपये, गौ-संवर्धन एवं पशुओं के संवर्धन के लिए 252 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के लिए 196 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के लिए 150 करोड़ रुपये तथा गौ-अभ्यारण अनुसंधान एवं उत्पादन केंद्र के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल हैं।
गहन पशु विकास परियोजना
गहन पशु विकास परियोजना के लिए बजट में 895 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य पशुओं की नस्ल सुधार, स्वास्थ्य सेवाएं, और उन्नत प्रजनन तकनीकों का उपयोग कर पशुधन की उत्पादकता बढ़ाना है। इसके माध्यम से पशुपालकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और उच्च गुणवत्ता वाले पशुधन उपलब्ध कराना संभव होगा।
गौ-संवर्धन एवं पशुओं का संवर्धन
गौ-संवर्धन एवं पशुओं के संवर्धन के लिए 252 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि गौशालाओं के निर्माण, पशुओं के भोजन, चिकित्सा सेवाओं, और सुरक्षा के लिए खर्च की जाएगी। इसका उद्देश्य है कि प्रदेश में गौ-संरक्षण और संवर्धन के लिए उचित साधनों और सुविधाओं की व्यवस्था की जा सके।
मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना
मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के लिए 196 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत पशुपालकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, और तकनीकी ज्ञान प्रदान किया जाएगा। इसके माध्यम से पशुपालकों की आय में वृद्धि और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना
मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करना और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना है। इसके तहत दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक सहायता और आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाले दूध का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
गौ-अभ्यारण अनुसंधान एवं उत्पादन केंद्र
गौ-अभ्यारण अनुसंधान एवं उत्पादन केंद्र के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस केंद्र में गौवंश की नस्ल सुधार, उनके स्वास्थ्य पर शोध, और उन्नत तकनीकों के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इससे गौवंश की उत्पादकता में सुधार होगा और प्रदेश में गौ-संवर्धन को नई दिशा मिलेगी।
पशुपालन क्षेत्र का समग्र विकास
इस बजट में किए गए प्रावधानों से पशुपालन क्षेत्र का समग्र विकास होगा। इससे न केवल पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में निवेश बढ़ने से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
गौ-संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता
मंत्री श्री लखन पटेल ने कहा कि यह बजट सरकार की गौ-संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार प्रदेश में गौ-संवर्धन और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।