भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी सत्ता संघर्ष के बीच विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के बागी 22 विधायकों को 15 मार्च शाम 5 बजे तक पेश होने का नोटिस दिया है. इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने इन विधायकों को अलग-अलग तारीखों पर बुलाया था. इस बात की चर्चा भी चल रही है कि यदि सभी बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश नहीं होते हैं तो कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट टाल सकती है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आगामी 16 मार्च से प्रस्तावित है.
हालांकि कोरोना वायरस के चलते इसे टालने की बात भी कही जा रही है. शुक्रवार को कमलनाथ सरकार में संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति से बागी विधायकों के इस्तीफों की विस्तृत जांच की मांग की. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ये सभी विधायक किसी दबाव में इस्तीफा दे रहे हैं या अपनी स्वेच्छा से दे रहे हैं. आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 22 विधायकों ने ईमेल के जरिए स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा था.
सिंधिया गुट के विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए हैं
हालांकि ये इस्तीफेे अभी मंजूर नहीं किए गए हैं और स्पीकर ने विधायकों को फिजीकली आकर इस्तीफा सौंपने के लिए कहा है. सिंधिया गुट के 19 विधायक बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में ठहरे हैं. विधानसभा स्पीकर द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद उनमें से 6 विधायकों को शुक्रवार को भोपाल आना था, लेकिन दिनभर के इंतजार के बाद आखिरी मौके पर उनका आना कैंसिल हो गया. सिंधिया गुट के विधायकों से मिलने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बेंगलुरु पहुंचे हैं.
भाजपा के विधायक हरियाणा में, कांग्रेस के राजस्थान में
इससे पहले कांग्रेस नेता जीतू पटवारी भी बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन उन्हें विधायकों से मिलने नहीं दिया गया था. जीतू पटवारी की पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी. भाजपा ने अपने 106 विधायकों को हरियाणा के मानेसर और गुरुग्राम में ठहराया है. वहीं कांग्रेस ने अपने बाकी बचे विधायकों को जयपुर में ठहराया है. फ्लोर टेस्ट के वक्त ये विधायक भोपाल पहुंचेंगे.